16 दिसम्बर को होगा ऐतिहासिक मोटर मार्ग का शिलान्यास

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  • कोटद्वार -भावर के लिए होगा ऐतिहासिक दिन  
  • लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग और पुलों का शिलान्यास

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून :  उत्तराखण्ड के अन्दर ही गढ़वाल और कुमायूं मंडलों को जोड़ने और यातायात सुचारू करने की कवायद अब परवान चढ़ने लगी है। अभी तक गढ़वाल मण्डल से कुमाऊॅ मण्डल की ओर जाने के लिए उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद से गुजरना पड़ता था। कोटद्वार से विधायक बनने और राज्य सरकार में वन मंत्री बनने के बाद से ही डाॅ. हरक सिंह रावत हरिद्वार से लालढांग होते हुए चिच्लरखाल मोटर मार्ग को आम जनता के लिए खोलने की कवायद में जुट गये थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने भी इस मोटर मार्ग को खोलने के लिए अपनी सहमति जताई थी। इस मार्ग के बनने से जहाॅ एक ओर हरिद्वार से कोटद्वार की दूरी लगभग 20 किमी0 कम होगी, वहीं प्रदेश के अन्दर आवागमन भी सुगम होगा।

गौतलब हो कि आजादी के पहले जहाॅ हरिद्वार से रामनगर के बीच का मार्ग कण्डी मार्ग के रूप में जनता के काम आता था, वहीं बाद में वन कानूनों की आड़ लेकर इस मार्ग को बन्द कर दिया गया था। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने तमाम गतिरोधों को दरकिनार करते हुए इस मार्ग के निर्माण का रास्ता निकाला। 16 दिसम्बर, 2018 को वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग के साथ ही इस मार्ग पर पड़ने वाले पुलों का भी शिलान्यास करेंगे।

कोटद्वार के भाबर क्षेत्र के निवासियों के साथ ही यह दिन उत्तराखंड के लिए भी एतिहासिक होगा। वन मंत्री का प्रयास है कि इस मार्ग और पुलों को बरसात से पहले ही पूरा कर लिया जाय। वन मंत्री के विशेष कार्याधिकारी विनोद रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ पूरे मार्ग का दौरा कर 16 दिसम्बर को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम को अन्तिम रूप दिया। साथ ही भाबर क्षेत्र में कई बैठकें आयोजित की स्थानीय निवासियों ने भी विश्वास दिलाया कि इस एतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए क्षेत्र की जनता में उत्साह का वातावरण है, जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा लोग कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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