NH-74 मामले में डीपी सिंह के खिलाफ पुलिस ने जारी किया लुक आउट नोटिस जारी

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  • काश्तकार ने कबूली अधिकारी को 56 लाख कमीशन देने की बात

देहरादून : लगभग 300 करोड़ से ज्यादा के NH -74 मुआवजा घोटाले के आरोप में निलंबित अधिकारी डीपी सिंह के खिलाफ पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है ,साथ ही चर्चा है कि चर्चित अधिकारी गिरफ्तारी के खिलाफ राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है तो वहीँ एसआईटी ने इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल कर दी है।

वहीँ दूसरी तरफ हाई कोर्ट से गिरफ़्तारी के खिलाफ स्टे निरस्त हो जाने के बाद भूमिगत एसएलओ डीपी सिंह पर शिकंजा कसते हुए एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल कर दी है। विदेश भागने की आशंका के चलते पुलिस ने उसका लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया है। उसकी तलाश में पुलिस की टीमें दिल्ली में कईं जगहों पर दबिशें दे रही हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हाइकोर्ट से शनिवार को गिरफ्तारी पर लगी रोक हटने के बाद से ही डीपी सिंह मोबाइल बंद कर परिवार के साथ भूमिगत हैं। पुलिस ने पैतृक घर सहित विभिन्न जगहों पर ताबड़तोड़ दबिशें दी, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े।

वहीँ मामले में एसआईटी ने हाइकोर्ट से स्टे खारिज होने के बाद डीपी के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर गिरफ्तारी पर स्थागनादेश लेने की आशंका के चलते जांच अधिकारी स्वतंत्र कुमार ने शासन से अनुमति लेने के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल कर दी है।

अब इस केविएटके बाद अगले तीन महीने तक अगर डीपी सुप्रीम कोर्ट में स्टे के लिए अपील दायर करता है तो कोर्ट से इसकी सूचना एसआईटी को भी दी जाएगी। कोर्ट स्टे देने से पहले एसआईटी का पक्ष भी सुनेगी।

वहीँ डीपी के परिवार के साथ विदेश भागने की आशंकाओं के चलते मंगलवार को डीपी सिंह का पासपोर्ट नंबर मिलने के बाद उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि डीपी सिंह की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी उसके छिपने के संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दे रही है।

एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले में करोड़ों का मुआवजा लेने वाले काश्तकार भी अब खुलकर सामने आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सोमवार को अपने बयान दर्ज करने पहुंचे सितारगंज के एक काश्तकार ने बताया कि उसे मिले मुआवजे की रकम में से उसने 56 लाख रुपये अफसर को कमीशन के रूप में देने की बात हुई थी।

कुछ दिन पूर्व बाजपुर के एक काश्तकार ने भी इसी अफसर पर मुआवजा दिलाने की एवज में 50 लाख रुपयों का कमीशन मांगने का खुलासा किया था। लेकिन कमीशन नहीं देने पर उसका मुआवजा भी रोका गया था। काशीपुर और जसपुर तहसील के भी कुछ काश्तकारों ने एसआईटी को इस तरह के बयान दिये हैं। यह वहीं अफसर है जो एसआईटी के निशाने पर है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी जुटी हुई है।