राजीव आवास योजना के मकान नपा बड़कोट ने मृतकों को ही कर दिए आवंटित

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अग्रिम आदेश तक भुगतान पर लगी रोक : डीएम 

प्रथमदृष्ट्या आवास गलत लोगों को दिए जाने की बात सामने : डीएम 

उत्‍तरकाशी : शहरों को मलिन बस्तियों से मुक्त कर वहां रहने वालों को पक्के मकान मुहैया कराने की कोशिश को अधिकारियों ने पलीता लगा दिया। राजीव आवास योजना के तहत उत्तरकाशी की नगर पालिका बड़कोट में मृतकों, सरकारी कर्मचारियों, होटल संचालकों, ठेकेदारों आदि को लाभ पहुंचाया गया। इस मामले में पांच सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट जिला अधिकारी उत्तरकाशी ने सचिव शहरी विकास को भेजी है। रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि करते हुए अग्रिम आदेश तक भुगतान पर रोक लगा दी गई है।

भ्रष्टाचार पर पूरी तरह रोक के राज्य सरकार के दावों के बीच हर रोज कोई न कोई घोटाला सामने आ रहा है। ताजा मामला उत्तरकाशी की बड़कोट नगर पालिका से जुड़ा है। पालिका क्षेत्र में राजीव आवास योजना के तहत नगर क्षेत्र में मलिन बस्तियों के स्थान पर या किसी नए स्थान पर उक्त बस्ती को विस्थापित कर आवास निर्माण किया जाना था।

इसके लिए नगर पालिका के माध्यम से पांच लाख तक की आबादी वाले निकायों को चार लाख रुपये तक की सहायता राशि लाभार्थियों को दी जाती है। इसी योजना के तहत बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र में आवास तैयार किए जा रहे थे। इस बीच स्थानीय पार्षद प्रवीण गौड़ व स्थानीय निवासी सुनील थपलियाल, आनंद असवाल, पूरण सिंह आदि ने अपात्रों को योजना का लाभ दिए जाने की शिकायत शहरी विकास विभाग से की।

शिकायत का संज्ञान लेते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सचिव शहरी विकास को इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए। 25 अप्रैल को शासन ने जिला अधिकारी उत्तरकाशी को जांच के लिए आदेश दिए। इसी क्रम में 18 मई को संयुक्त मजिस्ट्रेट बड़कोट ने मामले की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी और 20 मई को यह रिपोर्ट शासन को भेजी गई। जिला अधिकारी ने रिपोर्ट में कहा कि नगरपालिका क्षेत्र के सात वार्डों में कुल 405 लाभार्थियों का सत्यापन किया गया।

इसमें सामने आया कि अधिकांश लोगों ने खुद को परिवार रजिस्टर से अलग कर बेरोजगार दर्शा कर योजना का लाभ लिया। इनमें सरकारी सेवारत, सेवानिवृत्त, व्यवसायिक वाहन मालिक, होटल मालिक, दुकानदार, मृतक आदि भी लाभार्थी बनाए गए थे। नगर पालिका से लाभार्थियों को पहली किश्त का भुगतान किया जा चुका है। इसके साथ ही कुछ आवास नगर पालिका क्षेत्र से बाहर बनाए जाने की मामला भी सामने आया।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने रिपोर्ट में कहा कि प्रथमदृष्ट्या आवास गलत लोगों को दिए जाने की बात सामने आई है। शासन से अग्र्रिम आदेश तक लाभार्थियों को राशि भुगतान पर रोक लगा दी गई है। साथ ही उन्होंने दोषी अधिकारियों को विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति भी की। इस मामले में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि किसी भी दोषी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही गलत तरीके से लाभ लेने वाले लोगों को वसूली कराई जाएगी।