कंडी रोड़ निर्माण पर मंत्रियों ने तेज़ की कवायद

0
556
राज्य को स्वर्णिम राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : डॉ. रावत 
देहरादून  : कैबिनेट मंत्री डाॅं0 रावत ने इस मार्ग को जनता की भाग्य-रेखा बताते हुए इसके निर्माण में युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा इसके निर्माण में आ रही बाधा ठेकेदार के द्वारा दायर वाद को हल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड  त्रिवेन्द्र रावत की प्राथमिकता गढ़वाल-कुमाऊं मण्डल को जोड़ने वाली कंडी रोड़ के निर्माण की है।  साथ  ही उन्होंने कहा भाजपा सरकार को राज्य की जनता ने पूर्ण बहुमत से ज्यादा सीट देकर हमारी  जिम्मेदारियां और बढ़ा दी है साथ ही उन्होंने कहा हमारी सरकार इस राज्य को स्वर्णिम राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
 
मंगलवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत  विधान सभा के सभा कक्ष में लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण विषयक बैठक से पूर्व मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि  विगत दिनों सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भारत सरकार नितिन गडकरी ने प्रदेश की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में केन्द्र से हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। ज्ञातव्य है कि लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग पर लगभग 85 लाख की लागत का कार्य वन विभाग द्वारा दिया गया था, जिसका भुगतान न होने का वाद माननीय न्यायालय में सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा दायर किये जाने पर इस सड़क का कार्य रूका हुआ है।
 
लोक निर्माण विभाग द्वारा लालढांग से चिल्लरखाल की 11 किलोमीटर की लम्बाई के मार्ग निर्माण के लिए 7 करोड़ रूपया स्वीकृत है, जिसमें 7 किलोमीटर लम्बाई की सड़क निर्माण की अनुमति नेशनल वाईल्ड लाइफ बोर्ड द्वारा स्वायल स्टेनलाइजेशन तकनीकी से मिली है। तथा 4 किलोमीटर की लम्बाई की एलीवेटेड रोड़ बनाई जानी है। यह कार्य, कार्यदायी संस्था लो0नि0वि0 द्वारा किया जाना है। इस मार्ग परियोजना का व्यापक सर्वे का कार्य गतिमान है, ज्ञातव्य है कि ठेकेदार द्वारा इस स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य करने से पूर्व भुगतान किये जाने पर वाद वापस लिये जाने की सहमति पर कैबिनेट मंत्री डाॅ0 रावत ने प्रमुख मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये, कि सम्बन्धित ठेकेदार के द्वारा किये गये कार्य का मूल्यांकन एक हफ्ते में सम्बन्धित डीएफओ तथा अधिशासी अभियन्ता लो0नि0वि0 दुगड्डा द्वारा कर दिया जाय तथा तदनुसार भुगतान वन विभाग द्वारा शीघ्र करा दिया जाये तथा ठेकेदार से अपेक्षा की, कि ज्वाइंट सर्वे के मूल्यांकन के अनुसार तय भुगतान को स्वीकार कर वाद वापस लें। 
 
बैठक में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजेन्द्र कुमार महाजन, अपर सचिव वन मिनाक्षी जोशी, प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग एच0के0उप्रेती सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।