मीमांशा आर्य का नामांकन निरस्त कराने की हद तक गिरे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री : डॉ. इंदिरा

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  • दलित के घर भोजन वाले भाजपा नेता दलित बेटी पर ही अत्याचार करने को आमादा

हल्द्वानी : एमबीपीजी कॉलेज में एनएसयूआइ प्रत्याशी मीमांशा आर्य का नामांकन निरस्त कराने के लिए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कुलपति व प्राचार्य को सार्वजनिक रूप से दबाव में लिया इतना ही नहीं उन्होंने पद व गोपनीयता की शपथ भंग कर सत्ता के मद का खुला प्रदर्शन किया है। यह कहना है नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का साथ ही उन्होंने कहा वे इस  मुद्दे को विधानसभा  में उठाएंगी और इस पर सरकार से जवाब भी लेंगी । उन्होंने गलत आचरण को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत  को सरकार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। 

सोमवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा ने कहा कि एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव को लेकर भाजपा व एबीवीपी किस कदर सारी मर्यादा को भूल गए हैं, वह शनिवार को सार्वजनिक हो गया।

उन्होंने बताया कि शौर्य दीवार का लोकार्पण करने आए उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह ने सार्वजनिक रूप से प्राचार्य डॉ. जगदीश प्रसाद को न केवल फटकारा, बल्कि कुलपति डीके नौडिय़ाल से एनएसयूआइ प्रत्याशी मीमांशा आर्य की डिग्री निरस्त करने तक को कहा। दोनों अधिकारियों ने ऐसा करने को नियम विरुद्ध बताया तो उनका पारा चढ़ गया। 

उन्होंने कहा कि सात माह में ही सत्ता के मद में चूर ऐसे मंत्री की शिकायत पीएम, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को भी भेजी जाएगी। डॉ. इंदिरा ने कहा कि सरकार अपने मंत्री के आचरण के लिए जवाबदेह है। ऐसे मंत्री रहे तो उच्च शिक्षा का बंटाधार तो तय ही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दलितों के घर पर भोज कर उनके सम्मान की बात करने वाली भाजपा सरकार के मंत्री हल्द्वानी कॉलेज में पहली बार दलित बेटी के अध्यक्ष पद पर खड़े होने से इतना बौखला गए हैं कि अब दलित बेटी को ही निशाना बनाकर अपनी राजनीती चमकाना चाहते हैं जोकि लोकतंत्र का सरासर अपमान है ।