देहरादून। एक्जिट पोल में उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने की संभावना जताए जाने के बाद कांगे्रसी खेमे की बैचेनी छिपाए नहीं छिप रही है। हालांकि पार्टी के बड़े नेता एक्जिट पोल को सिर्फ अनुमान बताते हुए झुठलाने पर तुले हुए हैं। और मतदान के बाद से ही कांग्रेस जिस तरह से आक्रामक सक्रियता बनाए हुए है, काबिलेगौर है। दूसरी ओर एक्जिट पोल के सामने आने के बाद से ही भाजपा नेताओं की खुशी देखते ही बन रही है। सही मायने में मतदान के बाद से ही भाजपा में अनोखी चुप्पी देखी जा रही थी, वहीं अब साफ हो रहा कि भाजपा ख़याली घोड़े दौड़ाने में यकीं न रखने की परिपाठी पर चल रही थी। हालांकि अभी 11 मार्च को चुनावी नतीजे आना बाकि है और भाजपा अथवा कांगे्रस या चुनाव लडऩे वाले किसी भी प्रत्याशी के लिए एक्जिट पोल का परिणाम कोई मायने नहीं रखना चाहिए।
कल मतगणना के बाद जब चुनाव परिणाम आने शुरू होंगे तो ही असल में कहीं खुशी कहीं गम वाले नजारे आम बात होंगे। बहरहाल तो गुरूवार देर शाम के बाद टीवी चैनलों पर एक्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनने की संभावना जताई जा रही है ,और राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि एक्टिज पोल में चुनावी नतीजों के आकलन के बाद कांगे्रसी खेमा बैचेन है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेतागणों की ओर से एक्जिट पोल को साफ तौर पर नकारते हुए ग्यारह मार्च का इंतजार करने की नसीहत दी जा रही है।
बहरहाल वह और बात है कि भाजपाई खेमा चुप्पी बरकरार रखे हुए है। 2017 चुनाव परिणाम आने में अब जबकि चंद घंटे ही बचे हैं। सही मायने में मतपरिणामों के सामने आने तक राजनैतिक दल चाहे वह भाजपा-कांग्रेस या फिर कोई अन्य ही क्यों न हो, के कई नेताओं की चिंताएं बढ़ी हुई होंगी। कारण कि अबकी चुनाव कई मायनों में हटकर कहे जा रहे हैं। विधानसभा सीट बदले जाने के कारण कई दिग्गजों को भी नई विधानसभा सीट से चुनाव लडऩा पड़ा है। वहीं दूसरी ओर मत परिणाम अपने समय के धुरंधर नेताओं में शुमार किए जाने वाले कईयों का राजनैतिक भविष्य भी तय करने जा रहा है।
कांगे्रस पार्टी की बात करें तो कई दिग्गजों के पाला बदलने से पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दूसरी पंक्ति के नेताओं की जिम्मेदारियों में इजाफा किया। इनमें यशपाल आर्य, विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज आदि का राजनैतिक जीवन प्रमुख रूप से चुनाव परिणाम जरूर प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा की बात करें तो उम्रदराज हो चुके पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी का राजनैतिक भविष्य भी पार्टी के प्रदर्शन पर निर्भर है।
वहीं रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, भगत सिंह कोश्यारी समेत अन्य चंद कुछ नेताओं का पार्टी में क्या कद रहेगा, काफी हद तक चुनाव परिणामों पर निर्भर करता है, जो कि फिलहाल एक्जिट पोल के नतीजों को देखते हुए संतुष्ठ जरूर होंगे। मतगणना परिणाम में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी हद तक उम्रदराज हो चुके नेताओं के राजनैतिक भविष्य की दिशा भी तय करेगा। उधर बसपा, सपा और पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले नेताओं को भी बेसब्री से चुनाव परिणामों का इंतजार होगा।