शहर में आधे घंटे तक टहलता रहा तेंदुआ

0
899

कार्बेट पार्क क्षेत्र में बाघ ने महिला समेत दो लोगों को बनाया शिकार

बागेश्वर। बीती रात नगर में आधे घंटे तक तेंदुआ टहलते नजर आया। भोजन के बाद टहल रहे लोग भय से घरों में दुबक गए। तेंदुए की धमक से नगर में दहशत फैल गई है। नगर तक तेंदुआ पहुंचना अब आम हो गया है। वन विभाग की टीम घटना के बाद गश्त लगा रही है।

खड़ी बाजार और माल रोड के बीच बीती रात करीब साढ़े 11 बजे तेंदुआ दिखा। वह एक गली में 15 मिनट तक सेंध लगाकर बैठा भी रहा। मालरोड के दुकानदार व्यवसाई पुष्कर सिंह की नजर तेंदुए पर पड़ गई। पुलिस तब गश्त पर थी। पान आदि के शौकीन भोजन के बाद पनवाड़ी के पास खड़े होकर बात कर रहे थे। कुछ बुजुर्ग और जवान टहल रहे थे। तेंदुए की बात सुनकर सभी घरों में दुबक गए। सब्जी व्यवसाई भूपेंद्र जोशी के आवास के ठीक नीचे तेंदुआ पहुंच गया।

उन्होंने तेंदुए को घर की छत से भगाने की कोशिश की। उन्होंने टार्च से तेंदुए पर रोशनी भी डाली। पड़ोसी चंदन गडिय़ा भी तेंदुए को देखने घर की छत पर चढ़ गए। आसपास के लोगों ने शोरगुल मचाया। पटाखे तोड़े। तेंदुआ करीब आधे घंटे तक वहां डटा रहा। बाद में पिंडारी रोड की तरफ धीरे-धीरे निकल लिया। प्रत्यक्षदर्शी मनोज गोस्वामी, लिलत किरमोलिया, मनीष गडिय़ा, किरन साह आदि ने कहा कि तेंदुआ काफी बड़ा था। वह भूखा लग रहा था। गली में बैठा था। उसकी नजर कुत्ते पर थी। उन्होंने कहा कि वे अपने पालतू कुत्तों को सुबह-शाम घूमाने से भी डरने लगे हैं। उन्होंने वन विभाग से गश्त में तेजी लाने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि शहर में घुस रहे तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरा भी लगाया जाए।

बागेश्वर नगर में अब तक छह बार तेंदुआ धमक गया है। हालांकि उसने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। गत दिनों करीब पांच घंटे तक तेंदुआ चौक बाजार स्थित जेएलएस की दुकान, घर और छत में टहलता देखा गया। सीसीटीवी कैमरे में वह कैद हुआ। मंडलसेरा में दो मकानों की संकरी गली में भी तेंदुआ फंस चुका है। जिसे वन विभाग ने पकडऩे के बजाए भगा दिया था। मंडलसेरा में ही एक व्यक्ति के कीचन में तेंदुआ पांच घंटे तक कैद रहा। वन विभाग ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे पिंजरे में बंद किया। ब्लाक प्रमुख रेखा खेतवाल के आवास में बने स्टोर रूम में भी तेंदुआ घुस गया था। वन विभाग ने उसे पिंजरा लगाकर पकड़ लिया था। माल रोड में उल्का मंदिर के समीप भी तेंदुआ गत दिनों एक कुत्ते पर झपट गया था। कोतवाली के समीप इंद्र सिंह परिहार के आंगन में चिडिय़ों के पिंजरे में भी गत दिनों तेंदुए ने पंजा मार दिया था। जिससे शहर में तेंदुए से दहशत फैल गई है।

तेंदुआ पकडक़र वन विभाग छोड़ देता है:वन विभाग ने अभी तक करीब चार तेंदुओं को पकडक़र नजदीकी जंगल में छोड़ दिए हैं। एक तेंदुए को भगा दिया था। जिससे तेंदुए अब लोगों से भी नहीं डर रहे हैं। वन पंचायत सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष पूरन रावल ने कहा कि जंगल में शिकार नहीं मिल रहा है। वन विभाग तेंदुओं को पकडक़र इसी जंगल में छोड़ रहा है। जिससे स्थिति भयावह हो रही है। डीएफओ बागेश्वर,एमबी सिंह ने बताया कि तेंदुआ की प्रकृति होती है, वह सुबह और शाम रिहायशी इलाके में होता है। शिकार की तलाश और पानी पीने के लिए वे नदी तट तक पहुंचता है। शहर नदी तट पर बसा हुआ है। लोगों को सावधानी बरतनी होगी।

वहीँ कार्बेट पार्क क्षेत्र में दाबका नदी से सटे बैलपडाव रेंज में लकड़ी बिनने गई महिला व उसके ससुर को बाघ ने निवाला बना दिया। दोनों परिवार के साथ दाबका नदी में खनन का कार्य करने आय थे। घटना के बाद वन विभाग की टीम दोनों के शवों की खोज में जुट गई है।

गुरुवार को दाबका नदी में खनन का कार्य करने वाली बगवती पत्नी रामदास व उसका ससुर लखपत अन्य मजदूरों के साथ दाबका नदी से सटे बैलपड़ाव रेंज में लकड़ी बिनने गय थे। तराई पश्चिम वन प्रभाग की डीएफओ कहकशा नसीम ने बताया कि पहले बाघ ने महिला पर हमला बोला तो उसका ससुर लखपत उसे बचाने की कोशिश करने लगा। दोनों को बाघ जंगल के अंदर ले गया है। जंगल के अंदर जेसीबी से शवों की खोजबीन की गई, बाघ दोनों को मार चुका है। टीम पर भी बाघ ने हमला बोला है। महिला 30 और उसका ससुर 50 साल का है। दो माह पहले यूपी के जिला संभल से खनन कार्य के लिया यहां आए थे। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किय जा रहे हैं।

Previous articleविस्थापन की एक और त्रासदी है पंचेश्वर बांध: पुष्पेश त्रिपाठी
Next articleमोदी की मौजूदगी में शपथ लेगी राज्य की नई सरकार
तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे