जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरा सबसे बड़ा जहाज ग्लोबन मास्टर सी-17

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देहरादून : जौलीग्रांट एयरपोर्ट में गुरुवार को पहली बार 55 मीटर लंबे ग्लोबन मास्टर सी-17 एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट उतरा। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा मालवाहक एयरक्राफ्ट है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि रही है।

सत्तर के दशक में उद्योगपति बिरला ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट को बनाया था। जिसे बाद में भारत सरकार ने अपने अधीन कर लिया था। इसके बाद यहां से हवाई सेवाओं को पंख लग गए। 2008 को विस्तारीकरण के बाद बने सात हजार फीट लंबे रवने पर बोईंग – 737 सीरीज का बोइंग उतरा था। जिसमें कई विदेशी मेहमान शामिल थे। उसके बाद इन विमानों के उतरने का सिलसिला शुरू हो गया।

बीते गुरुवार और फिर शुक्रवार को इस एयरपोर्ट पर करीब 55 मीटर लंबे और 53 मीटर चौड़े पंखों वाले विशालकाय एयरफोर्स के मालवाहक जहाज ने उतरकर अपनी ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कराई है। गुरुवार को विमान रात्रि 8:40 मिनट पर एटीआरओ का सामान लेकर उतरा और रात में ही पौने दस बजे सामान उतारकर दिल्ली रवाना हो गया। शुक्रवार को भी यही विमान एयरपोर्ट पर उतरा। एयरपोर्ट के इतिहास में रनवे पर उतरने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा विमान है।

इस मालवाहक जहाज की खासियत यह है कि इसमें बड़ी क्रेन, ट्रक, साजो सामान, उपकरण, प्राकृतिक आपदा और युद्ध में उपयोग होने वाले किसी भी तरह के सामान ले जाने की क्षमता है। इतना ही नहीं, इस विमान में एक साथ पांच सौ लोगों को ले जाने की भी क्षमता है।

भारतीय विमानपतन प्राधिकरण जौलीग्रांट के एयरपोर्ट निदेशक बी कृष्ण कुमार का कहना है कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के इतिहास में पहली बार ग्लोबन मास्टर सी17 एयरफोर्स का जहाज गुरुवार और शुक्रवार रात को उतरा। एयरपोर्ट पर इस मालवाहक जहाज के सफलता पूर्वक लैंडिंग से उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के साथ अन्य कार्यों में काफी बड़ी मदद मिलेगी। यह जहाज एक वक्त में कई टन माल ला सकता है। एयरपोर्ट के इतिहास में इस जहाज का उतरना एक बड़ी उपलब्धि है।