खंडूड़ी के सांसद आदर्श ग्राम में ग्रामीणों को नहीं मिल रही सुविधाएं

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पानी और सड़क की समस्या, पाॅलीटेक्निक का सपना अधूरा
दिवली-भणिग्राम की 66 में से 50 योजनाओं पर हुआ काम  
रुद्रप्रयाग । ग्रामीण इलाकों में विकास के लक्ष्य को लेकर सांसद आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना की गई थी। यह योजना रुद्रप्रयाग में फलीभूत होती दिखाई नहीं दे ही है। चिन्हित गांव यातायात, पेयजल समेत तमाम समस्याओं से जूझ रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ नाम का आदर्श ग्राम है, हकीकत में यहां अपेक्षानुरूप काम नहीं हुआ है।
केदारनाथ आपदा के बाद 2014 में गढ़वाल सांसद बीसी खंडूड़ी ने आदर्श ग्राम के रूप में दिवली-भणिग्राम का चयन किया था। गांव में 66 योजनाओं के लिए 12 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया था। जिसमें सरकार ने पांच करोड़ 30 लाख रुपए स्वीकृत किए और इसमें चार करोड़ 58 लाख रुपए अवमुक्त हुए। अभी तक 66 योजनाओं में से 50 योजनाओं के पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है। इस गांव में इन दिनों पानी का संकट बना हुआ है। 12 किमी लंबी पेयजल योजना जगह-जगह टूटने से यह समस्या बनी है। गांव में रह रहे करीब 250 परिवार पानी के लिए स्रोतों पर निर्भर हैं। गांव के लिए पांच किमी सड़क स्वीकृत थी, जिसमें सिर्फ तीन किमी सड़क बनकर तैयार हो पाई है। दो किमी सड़क का निर्माण विवाद के कारण लटका पड़ा है। तीन किमी सड़क पर भी जगह-जगह गडढ्े पड़े हुए हैं। उस पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। बरसाती सीजन में सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। 
गांव के लिए पाॅलीटेक्निक की भी घोषणा की गई थी, जो कि ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। ग्राम प्रधान हरि प्रसाद बगवाड़ी बताते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम बनने के लिए गांव में कुछ काम तो हुए हैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक काम नहीं नहीं हो पाए। बाढ़ सुरक्षा, मंदिर के सौंदर्यीकरण, रास्ते, शौचालय आदि पर काम हुए हैं। पानी और सड़क की समस्या दूर नहीं हो पाई है। इन दिनों गांव में पानी का संकट पैदा हो गया है। पेयजल योजना को दुरूस्त किया जाना जरूरी है। वहीं मुख्य विकास अधिकारी डीआर जोशी का कहना है कि गांव के लिए स्वीकृत 66 योजनाओं में से पचास योजनाओं पर काम हो गया है। अन्य योजनाओं पर भी जल्द काम पूरा हो जाएगा। गांव की मूलभूत समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाएगा।