भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(I.I.T.) ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

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सीजीपीए नौ से अधिक वाले छात्रों को होनहार श्रेणी 

एमटेक में दाखिले के लिए सेल्फ फाइनेंस का विकल्प खत्म

क्यूमूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) हासिल करने वाले छात्रों को समय लाभ !

रुडक़ी। विश्वविख्यात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुडक़ी की सीनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए। संस्थान में अब बीटेक द्वितीय वर्ष के बाद नौ से ज्यादा क्यूमूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) हासिल करने वाले छात्रों की डिग्री साढ़े तीन साल में ही पूरी हो जाएगी। उन्हें आखिरी सेमेस्टर से छूट मिल जाएगी। इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम के तहत पीजी डिग्री कर रहे छात्र-छात्राओं को भी इसी तरह एक सेमेस्टर का लाभ मिल सकेगा।

संस्थान ने एमटेक में दाखिले के लिए सेल्फ फाइनेंस का विकल्प खत्म कर दिया, साथ ही इस पाठ्यक्रम में की गई चार गुणा शुल्क वृद्धि को वापस ले लिया। पिछले साल दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को अब पुरानी फीस ही चुकानी होगी। करीब साढ़े छह घंटे चली बैठक में स्टूडेंट अफेयर काउंसिल के छात्रों को सीनेट में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल करने का भी निर्णय किया गया।

सूत्रों के अनुसार होनहार की श्रेणी में उन्हीं छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाएगा जिनका द्वितीय वर्ष के बाद सीजीपीए नौ से अधिक होगा। चूंकि संस्थान में क्रेडिट बेस सिस्टम है, इसलिए इन्हें निर्धारित नंबर आफ क्रेडिट की रिक्वायरमेंट को पूरा करना अनिवार्य होगा।

अब छात्रों को भी सीनेट में अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। स्टूडेंट अफेयर काउंसिल से चार स्टूडेंट सीनेट के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। हालांकि, इन्हें वोङ क्षटग करने का अधिकार नहीं होगा लेकिन सीनेट के समक्ष छात्रों से संबंधित मसलों को रख पाएंगे। डिपार्टमेंटल ऐकेडमिक प्रोग्राम कमेटी और डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी की बैठक में भी छात्र हिस्सा ले सकेंगे।

सीनेट ने एमटेक पाठ्यक्रम में दाखिले और फीस पर भी महत्वपूर्ण फैसला किया है। पिछले साल संस्थान ने एमटेक की 50 फीसद सीटें सेल्फ फाइनेंस और 50 फीसद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के जरिये भरने का फैसला लिया था। अब सेल्फ फाइनेंस का विकल्प खत्म कर दिया गया है।पिछले साल गई फीस वृद्धि वापस ले गई है।

उल्लेखनीय है कि स्कॉलरशिप लेने वाले छात्रों की फीस पांच हजार रुपये प्रति सेमेस्टर से बढ़ाकर 20 हजार रुपये और सेल्फ फाइनेंस स्कीम में दाखिला लेने वालों की फीस में 25 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर से बढाकर एक लाख रुपये कर दी गई थी। अब छात्रों को पुरानी दरों पर ही शुल्क चुकाना होगा। आइआइटी रुडक़ी के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने कहा कि सीनेट में कई अहम फैसले लिए गए हैं। एमटेक की फीस वृद्धि के निर्णय में बदलाव किया गया है। संस्थान द्वारा निर्धारित नियम पूरे करने पर बीटेक के छात्र साढ़े तीन साल में अध्ययन पूरा कर सकेंगे। वहीं अब स्टूडेंट अफेयर्स काउंसिल से जुड़े चार छात्र सीनेट में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हो सकेंगे।

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