विदेश यात्रा के मामले में जवाब ने देने पर नेताओं पर हाई कोर्ट ने लगाया जुर्माना

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  • नोटिस का जवाब न देने पर पूर्व विधायक पर 11 हज़ार जुर्माना
  • पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में हुई थी विदेश यात्रा 

नैनीताल । पूर्व वन मंत्री नवप्रभात, पूर्व विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल, सहित तीन अन्य फारेस्ट ऑफिसर और कई अधिकारियों पर साल 2006 साउथ अफ्रीका यात्रा के नाम पर लाखों के घोटाले का आरोप है। इस मामले में नैनीताल आज हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए शैलेन्द्र मोहन सिंघल को नोटिस का जवाब नहीं देने पर 11 हजार रुपये का फाइन लगाया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 नवंबर तय की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गाजियाबाद निवासी जेपी डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पूर्व वन मंत्री नवप्रभात समेत विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल, 3 फारेस्ट ऑफिसर समेत कई लोगों ने साउथ अफ्रीका टूर में गलत तरीके से सरकारी धन का उपयोग किया है और साउथ अफ्रीका में सरकारी भ्रमण के नाम पर मौज मस्ती कर सरकारी पैसे को उड़ाया है।

गौरतालब  हो कि एनडी तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस के शासनकाल में मंत्रियों ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था। तत्कालीन वन मंत्री नवप्रभात, विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल, मुख्य वन संरक्षक डीवीएस खाती, राजाजी नेशनल पार्क निदेशक पांडे व होटल लेजर के मालिक मुकुंद प्रसाद ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से दक्षिण अफ्रीका टूर पर गए थे। आरोप है कि इस टूर में इन्होंने सरकारी खर्चे पर अपने परिवारों को साउथ अफ्रीका की सैर कराई। दौरे के लिए सरकारी खाते से 20 लाख रुपये भी निकाले गए।