हाईकोर्ट अदालत के आदेश के खिलाफ नारेबाजी पर हुआ नाराज

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NAINITAL :   उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल में न्यायालयों के आदेश के खिलाफ हो रहे धरना प्रदर्शन और नारेबाजी पर सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि  ऐसी परिस्थिति में संबंधित जिलाधिकारी के खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए। अदालत ने नैनीताल में हाईकोर्ट के अधिवक्ता के खिलाफ प्रदर्शन को भी गंभीरता से लिया है। जिला प्रशासन से प्रदर्शन में शामिल व्यापारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वहीं ऐसे व्यापारियों की सूची भी तलब की है। संबंधित अधिवक्ता को पूरी सुरक्षा देने के लिए एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।

  • रजिस्ट्रार ज्युडीशियल को हुए नोटिस जारी

मल्लीताल (नैनीताल) में अतिक्रमण के मामले में पुनर्विचार याचिका को सुनवाई के लिए एकलपीठ में भेजे जाने पर भी संयुक्त खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाया है। संयुक्त खंडपीठ ने रजिस्ट्रार ज्युडीशियल को इस मामले में जवाब देने के लिए बाकायदा नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एकलपीठ में सुनवाई के लिए इस मामले को कैसे पंजीकृत किया गया। जबकि खंडपीठ ने पूर्व में ही देहरादून में अतिक्रमण संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान आदेश दे दिए थे। इसमें जनहित याचिका से संबंधित मामलों की सुनवाई संयुक्त पीठ को दिए जाने का प्राविधान तय कर दिया गया था।

  • मामला आखिर है क्या ?

हाईकोर्ट की संयुक्त खंडपीठ ने जून 2018 में मल्लीताल के भोटिया मार्केट, न्यू पालिका मार्केट और चाट मार्केट में हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। 16 अगस्त 2018 को खंडपीठ ने पूर्व में जारी आदेश का पूरी तरह पालन नहीं करने पर विकास प्राधिकरण सचिव और ईओ नगर पालिका के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर दिया था। नगर पालिका नैनीताल ने 36 व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। इस नोटिस को चुनौती देते हुए दीवान सिंह और 30 अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

सोमवार को यह मामला पहले न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में सुनवाई के लिए पहुंचा। जानकारी के अनुसार, एकलपीठ ने इस मामले में 25 अगस्त तक यथास्थिति रखने का आदेश दे दिए। यहीं के व्यवसायी धन सिंह और 22 अन्य की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ में सुनवाई हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने मामले को सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ को भेज दिया। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने कहा कि यह जनहित याचिका से जुड़ा मामला है, इसे संयुक्त खंडपीठ ही सुन सकती है। इसके बाद देर सायं को कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश लोकपाल सिंह की खंडपीठ में याचिकाओं की सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान संयुक्त खंडपीठ ने यह पाया की कतिपय अधिवक्ताओं ने एकलपीठ के समक्ष संयुक्त खंडपीठ से  पारित आदेशों का जिक्र नहीं किया। यह कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश है और अधिक्वता के पेशे के खिलाफ है। फिलहाल संयुक्त खंडपीठ इस मामले में कल यानि 21 अगस्त मंगलवार को फिर से सुनवाई करेगी। फिलहाल संयुक्त खंडपीठ ने डीएम को व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई और अधिवक्ता अंजलि भार्गव को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।