- उत्तराखंड से लेकर मुंबई तक प्रदर्शन,हरीश रावत गिरफ्तार
- कई जगह गाड़ियों में तोड़फोड़, जबरन बंद कराई गईं दुकानें
- सभी हदें पार कर गई है मोदी सरकार :मनमोहन सिंह
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष ने पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में पैदल मार्च किया। राजघाट और जाकिर हुसैन कॉलेज के बीच पौने दो किलोमीटर लंबा मार्च निकाला गया। जनता दल सेकुलर (जेडी-एस), तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, (एनसीपी), लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी), राष्ट्रीय लोक दल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) उन विपक्षी पाटिर्यों में रहे, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। राजघाट पर राहुल ने महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। पिछले दिनों कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार देर रात दिल्ली लौट आए।
इस बंद की महत्वपूर्ण बात यह रही कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ ‘भारत बंद’ कर कांग्रेस ने विपक्षी पार्टियों के नेतृत्व का पहला पड़ाव पार कर लिया है। कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत बंद’ में हिस्सा लिया। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ देर के लिए धरना-प्रदर्शन में शामिल जरूर हुई, पर नेतृत्व की पूरी जिम्मेदारी राहुल के पास रही।
सोमवार सुबह राहुल ने राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर मानसरोवर झील का पवित्र जल और पत्थर चढ़ाया। यह जल राहुल अपने कुर्ते की जेब में एक शीशी में रखकर लाए थे। मार्च समाप्त होने के बाद सभी विपक्षी नेता रामलीला मैदान के पास एक इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास एकत्र हो गए, जहां संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद थे। देशभर में भारत बंद का व्यापक असर देखा गया है ।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों का ‘देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।’ पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की तरफ से बुलाये गए ‘भारत बंद’ के तहत सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री बोल रहे थे।
रामलीला मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में सिंह ने कहा, ” इतनी बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के नेताओं का शामिल होना बहुत महत्वपूर्ण कदम है। मोदी सरकार ऐसा बहुत कुछ कर चुकी है जो हद को पर कर चुका है। इस सरकार को बदलने का समय आने वाला है। आज किसान, नौजवान सहित हर तबका परेशान है।” सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा, ”अब इस बात की जरूरत है कि सभी राजनीतिक दल अपने पुराने सिलसिलों को पीछे छोड़कर एकजुट हों। भारत की जनता की पुकार सुनें। यह तभी संभव है जब हम छोटे-छोटे मुद्दों को छोड़कर आगे बढ़ेंगे। देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा । इसके लिए हमें तैयार होना चाहिए।” विरोध प्रदर्शन में सिंह के अलावा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राकांपा प्रमुख शरद पवार सहित करीब 20 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दूसरे नेताओं ने राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च किया। कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ ‘भारत बंद’ बुलाया है। पार्टी ने सभी सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से ‘भारत बंद’ का समर्थन करने का आह्वान किया है ।
वहीं असम की राजधानी गुवाहाटी में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन करते समय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देशव्यापी भारत बंद के मौके पर असम सचिवालय के आगे प्रदर्शन करते हुए पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। हरीश रावत के साथ पीसीसी अध्यक्ष रिपुन बोरा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।
भाजपा की सफाई:तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार का नहीं हाथ
पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के ‘भारत बंद को विफल करार देते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि तेल की कीमतों में वृद्धि में सरकार का कोई हाथ नहीं है और इसका कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन का प्रभावित होना है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन विरोध के नाम पर हिंसा अस्वीकार्य है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया कि क्या लोकतंत्र में राजनीति हिंसा के माध्यम से होगी ।
पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर सफाई देते हुए प्रसाद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कारणों के चलते तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं है। भाजपा नेता ने कांग्रेस और उसके अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आज की महंगाई साल 2014 की तुलना से कम है। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण तेल की उपलब्धता प्रभावित हुई है, वहीं भारत तेल के आयात पर निर्भर है और वैश्विक बाजार में तेल की कमी है। तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक ने उत्पादन की सीमा घटा दी है। उन्होंने जोर दिया कि देश की जनता समझ रही है कि तेल की जो कीमतें बढ़ी हैं, उसमें भारत सरकार का हाथ नहीं है। इसलिए जनता इस बंद से अलग है।
भारत बंद को असफल करार देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों से पूछा कि बिहार के जहानाबाद में एम्बुलेंस समय रहते हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाई जिसके कारण दो साल की एक बच्ची की दुखद मौत हो गयी, राहुल गांधी जवाब दें कि इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि विरोध तक ठीक है, लेकिन जो पेट्रोल पंप और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? भाजपा नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है और हम उसका स्वागत करते हैं लेकिन क्या लोकतंत्र में राजनीति हिंसा के माध्यम से की जाएगी?
प्रसाद ने कहा कि भारत बंद के नाम पर पेट्रोल पम्पों में आग लगाई जा रही है बसों और गाड़ियों को तोड़ा जा रहा है, कांग्रेस पार्टी जवाब दे कि देश में हो रही इस हिंसा का जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार महंगाई पर लगाम लगाने का पूरा प्रयास कर रही है और कई मोर्चों पर सफल भी हुई है । भाजपा का मानना है कि कुछ कठिनाइयों के बावजूद लोगों ने बंद का समर्थन नहीं किया। प्रसाद ने कहा कि भारत बंद पूरी तरह से फेल हुआ है। भारत बंद में हुई हिंसा का हमें बहुत दुख है, हम इसकी भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की परेशानी का समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्ष खीझकर खौफ का माहौल पैदा कर रहे हैं। जब जनता का समर्थन नहीं मिलता है तो उग्र प्रदर्शन कर बंद कराने की कोशिश की जा रही है।
रविशंकर प्रसाद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीएसटी और नोटबंदी पर संसद में बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मैं एक आम कार्यकर्ता हूं और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीएसटी और नोटबंदी पर बहस की चुनौती देता हूं। वह बड़े अर्थशास्त्री हैं। तथ्यों के साथ मुझसे बहस करें। वह मेरे आग्रह को स्वीकार करें।’
उत्तराखंड में रहा बंद का मिला जुला असर
देहरादून : उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में डीजल, पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने और बढ़े हुए दामो को वापस लेने को लेकर उत्तराखंड के जिलों में कांग्रेसी बाजार में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा की अगुवाई में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पदाधिकारी बाइक पर सवार होकर व्यापारियों से दुकानें बंद रखने के लिए शहर में निकले । कांग्रेस का जो बंद का आह्वान है वह करीब करीब सफल सा दिखाई दिया है। पलटन बाजार तहसील चौक सहारनपुर चौक जीएमएस रोड राजपुर समेत तमाम बाजार बंद रहे।
जबकि दर्शनी गेट पर जबरदस्ती दुकान बंद करने को लेकर हुआ झगड़ और कांग्रेस के खिलाफ कुछ व्यापारियों ने नारेबाज़ी की। वहीँ भारी विरोध के बावजूद दुकानदारों ने कई बार बाजार खोला लेकिन बाद में बाजार बंद भी किया। कांवली रोड पेट्रोल पंप खुले होने की सूचना पर कार्यकर्ताओं ने पंप पर प्रदर्शन कर पेट्रोल पंप को बंद करवाया। सपा के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल के विरोध में गाड़ी में धक्का लगाकर विरोध किया।
उधर हरिद्वार स्थित कनखल क्षेत्र में भी कांग्रेस ने भारत बंद के समर्थन में दुकाने बंद रही और कांग्रेसियो ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया। दूधाधारी से देवपुरा चौक तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाजार में शांतिपूर्व बन्द करवाया और व्यापारियों नें 99 प्रतिशत बाजार बंद करके सहयोग दिया। संजय पालीवाल, सतपाल ब्रह्मचारी, पुरषोत्तम शर्मा, अरविन्द शर्मा सुनील सेठी तरुण नैयर शिवकुमार कश्यप के संयुक्त नेतृत्व में इस टीम ने देवपुरा से लेकर दूधाधारी तक 1 बजे तक बाजार बंद की अपील की।
जबकि विकासनगर में कांग्रेस ने बाजार बंद कराया वहीं बाजार को खुलवाने के लिए भाजपाई भी कूद पड़े। बाजार बंद और खुलवाने को लेकर भाजपाइयों और कांग्रेसियों के बीच बवाल और मारपीट की नौबत आई। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग किया लेकिन बाजार को खुल खुलवाने और बंद करने को लेकर तनाव बना हुआ रहा।