अल्मोड़ा : अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा उत्तराखंड के पर्वतीय जिलो में डॉक्टरों की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरे राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, उड़ीसा व महाराष्ट्र से सरप्लस चिकित्सकों को प्रदेश में सेवा के लिए बुलाया जा रहा है।
इससे पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा जनपद के पपरसैली में उत्तरायण फाउंडेशन के चिकित्सालय का शुभारंभ किया। फिर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य का प्रतिनिधिमंडल चिकित्सकों के इंटरव्यू के लिए जल्द ही इन राज्यों में जाएगा।
इसके अलावा थल सेना अध्यक्ष विपिन रावत से बात हो चुकी है कि सेना के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सक पर्वतीय जिलों में तैनात किए जाएंगे। ताकि पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो सके।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि चिकित्सकों के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड में चिकित्सकों के 2700 पद हैं, जबकि इनमें 1100 ही नियुक्त हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि चिकित्सकों को सबसे अधिक धनराशि उत्तराखंड सरकार दे रही है। दुर्गम भत्ता सबसे अधिक है। बावजूद डॉक्टर पहाड़ चढ़ने को तैयार नहीं।
उन्होंने कहा कि जिसे पहाड़ में सेवा देनी है, वह डॉक्टर अपना धर्म निभाए। अन्यथा सरकार अपने हिसाब से काम करेगी। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ एवं उत्तरायण फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ ओपी यादव का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा वह दिल्ली से आकर पहाड़ में स्वास्थ्य सेवा को विस्तार दे सकते हैं तो उत्तराखंड के डॉक्टर क्यों नहीं।
इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, उच्च शिक्षा मंत्री व प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत, राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, स्थानीय विधायर रघुनाथ सिंह चौहाने भी मौजूद रहे।