जौनपुर क्षेत्र के पंतवाड़ी गांव में 24 फरवरी को होगा बकरियों का स्वयंवर
देहरादून । उत्तराखंड में पहली बार बकरी स्वयंवर होने जा रहा है। यह बकरी स्वयंबर टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र के पंतवाडी गांव में आयोजित किया जाएगा। 24 फरवरी को शिवरात्रि के दिन दीपिका, प्रियंका एवं कैटरीना अनोखे स्वयंवर में बंध जायेंगी। इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाा रहा है।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में ग्रीन पिपुल के संस्थापक रूपेश कुमार राय ने बताया कि इस अनोखे स्वयंवर में 15 बकरों को शामिल किया गया है, जिनमें दीपिका, प्रियंका एवं कैटरिना बकरियां जिस बकरे के साथ ज्यादा समय व्यतीत करेंगी और जिसे पसंद करेगी उसका उसी के साथ स्वयंवर कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर पशु मेले का भी आयोजन किया जाएगा है। बकरी स्वयंवर एक अनोखा उपहार है जो उत्तराखंड में पहली बार ग्रीन पिपुल के संयोजन में किया जा रहा है।
उनका कहना है कि जनपद टिहरी के तहसील नैनबाग के पंतवाडी गांव में हो रहे इस कार्यक्रम की तैयारियां बड़े जोर शोर से चल रही हैं। इस स्वयंर के लिए 15 बकरों को तैयार किया गया है। 23 फरवरी को इन सभी बकरों को पंतवाडी लाया जायेगा, यह सभी बकरे अलग-अलग गांव से होंगें। 24 फरवरी को विधि-विधान से सुबह दस बजे पंडित के हाथों से सभी बकरी की पूजा की जायेगी और इसके बाद हर गांव के लोग अपने अपने बकरों को मंगल स्नान के लिए तैयार करेंगें। इन सभी बकरों पर हल्दी, चावल का आटा, दही, गंगा जल से नहलाया जायेगा और जहां इनको एक पंडाल में रखा जायेगा।
पंतवाडी गांव से पूरी वेशभूषा और श्रृंगार के साथ बकरा व बकरी वधु का विवाह पंडाल में लाया जायेगा। कुछ समय बाद पांच बकरों के साथ एक बकरी को एक बाडे में छोड़ा जाएगा, एक निश्चित समय में यह वधु जिस वर पर विवाह पंडाल में ज्यादा आकर्षित होगी उसी के साथ उसका स्वयंवर किया जायेगा। इस दौरान हर तरफ सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकगीतों का आयोजन किया जायेगा। यह प्रक्रिया तीनों स्वयंवर में जारी रहेगी और इसके बाद विदाई समारोह का आयोजन किया जायेगा और तीनों जोड़ी को विवाह पंडाल से विदा किया जायेगा।
पशुपालन विभाग के द्वारा इस स्वयंवर के दौरान विभिन्न कैम्पों का आयोजन किया जायेगा, जिससे किसाने अपने पशुओं के लिए अच्छी दवाइया और अच्छा बीज प्राप्त कर सकते हैं । इस आयोजन को देश-विदेश की मीडिया भी कवर करेगी। यह स्वयंवर महिला सशक्ति पर आधारित है और यहां पर पशुओं की नस्ल में सुधार के लिए पशुपालकों व किसानों को जानकारियां प्रदान की जायेगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी और यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। राज्य में पर्यटन को विकसित करने के लिए सामाजिक एवं पर्यावरण टूरिज्म को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है और इसके लिए हरसंभव प्रयास की जरूरत है। उनके बकरी छाप से अनेकों प्रोजेक्ट संचालित किये जा रहे हैं। जिससे पशुपालकों को भी आजीविका के साधन मुहैया कराये जा रहे हैं। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड भेड व ऊन विकास बोर्ड के डा. अनिनाश आनंद, अजय, सुभाष रमोला, महेश मनी आदि मौजूद रहे।