गढ़वाल राइफल्स की जल्द आएगी अस्तित्व में 22 वीं बटालियन

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21 गढ़वाल बटालियन वर्तमान में दुर्गम क्षेत्रों में देश की कर रही हिफाजत 

सेनाओं से जुड़े रहने के कारण यहाँ के लोगों के खून में देशभक्ति : त्रिवेंद्र रावत 

देहरादून  : श‌न‌िवार को उत्तराखंड में गढ़वाल राइफल्स के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में पहुंचे उप थलसेनाध्यक्ष पाक‌िस्तान पर जमकर बरसे। इस दौरान उन्होंने रणबांकुरों को देश पर मर मिटने की बात कही ।

गढ़वाल राइफल्स की एक और नई बटालियन जल्द ही अस्तित्व में आएगी। इस 22वीं गढ़वाल बटालियन के अस्तित्व में आने पर उत्तराखंड, खासतौर पर गढ़वाल के युवाओं को सेना में काम करने के ज्यादा अवसर मिलेंगे। उप थलसेनाध्यक्ष एवं गढ़वाल राइफल्स के कर्नल ऑफ रेजीमेंट जनरल शरथ चंद्र ने यह जानकारी शनिवार को देहरादून में दी।

वे यहां गढ़वाल राइफल्स के गोल्डन जुबली स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने बतौर मुख्य अतिथि दून पहुंचे थे। दून प्रवास में सैनिक सम्मेलन ‘दरबार’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के प्रति पाकिस्तान सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार को हवा दे रहा है। उन्होंने जवानों और अफसरों को सोशल मीडिया पर इस तरह के विवादों से दूर रहने की नसीहत दी।

उप थलसेनाध्यक्ष ने प्रदेश के युवाओं के लिए गढ़वाल राइफल्स की नई बटालियन के गठन की अच्छी खबर सुनाई। उन्होंने बताया कि हम 22 गढ़वाल बटालियन का गठन करने जा रहे हैं, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अप्रैल 2018 में गढ़वाल राइफल्स की नई बटालियन अस्तित्व में आ जाएगी।

​इस बटालियन के आने के बाद गढ़वाली युवाओं की संख्या सेना में बढ़ जाएगी। खासतौर से गढ़वाल के युवा और अधिक अफसर एवं जवान बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि 20 गढ़वाल बटालियन जोशीमठ के पास अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, जबकि 21 गढ़वाल बटालियन शिलांग में दुर्गम क्षेत्रों में देश की हिफाजत कर रही है।

उप थल सेनाध्यक्ष ने दून में सैनिक सम्मेलन ‘दरबार’ को भी संबोधित किया। उन्होंने अफसरों और जवानों से कहा कि बीते कुछ दिनों में फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्वीटर पर तमाम ऐसे मैसेज प्रचारित किए जा रहे हैं, जिनसे सेना के सम्मान को ठेस पहुंची। उन्होंने बताया कि इसमें पाकिस्तान का बड़ा रोल है।

दिन प्रतिदिन तमाम ऐसे मैसेज पाकिस्तान से प्रसारित किए जा रहे हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने सोशल साइट्स पर मीडिया के गैरजिम्मेदाराना नजरिए पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग सेना की भावनाओं और देश की सुरक्षा से अलग सेना के सम्मान को ठेस पहुंचाने में खूब रोल अदा कर रही है। उन्होंने ‘दरबार’ में पहुंचे सभी सैन्य अधिकारियों, जवानों, पूर्व अफसरों और रिटायर्ड जवानों को आगाह किया कि वे सोशल मीडिया से दूर रहें।

12 लाख की थल सेना में दो चार तो असंतुष्ट हो सकते हैं, जो चिंता का विषय नहीं है। सेना में शिकायतों के निवारण के लिए बाकायदा ग्रीवांस रेडेरसल सिस्टम बना हुआ है। किसी को समस्या है तो इसके तहत अपनी शिकायत पहुंचाए।

वहीँ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शनिवार को गढ़वाल राईफल की 11वीं बटालियन के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर गढ़वाल राईफल को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि इस मौके पर उनके साथ होने पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक सैनिक परिवार से हैं, और इस बात पर उन्हें गर्व है।
 
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा राज्य होने के बावजूद भी यहाँ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों ने सर नहीं उठाया। राज्य में शायद ही ऐसा कोई परिवार हो जो किसी न किसी रूप से सेना से न जुड़ा हो। सेनाओं से जुड़े रहने के कारण यहाँ के लोगों के खून में देशभक्ति समा गयी है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जवानों को भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री रावत कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सैनिकों एवं उनके परिवारों से भी मिले।