गंगातट पर विदेशियों को कभी ऐसे योग करते नहीं देखा होगा !

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ऋषिकेश। ऋषिकेश में एक मार्च से सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव चल रहा है। यहां गंगातट पर विदेशी साधकों के योग का प्रदर्शन देखते ही बन रहा है। महोत्सव में अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, चिली, साउथ अफ्रीका सहित 93 देशों के करीब 1200 साधक हिस्सा ले रहे हैं। परमार्थ निकेतन, उत्तराखंड पर्यटन विभाग और गढ़वाल मंडल विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन चल रहा है। इसमें देशी और विदेश साधक गंगातट पर योग क्रियाएं सीख रहे हैं। देश-विदेश के प्रसिद्ध योगाचार्य इन्हें योग अभ्यास करा रहे हैं।

सात दिवसीय योग महोत्सव में प्रतिदिन सुबह के समय योग क्रियाएं सिखाई जा रही हैं। जबकि दोपहर के समय योग से होने वाले लाभ बताए जा रहे हैं। महोत्सव में आध्यात्मिक महापुरुषों के धार्मिक संवाद भी प्रतिदिन चल रहे हैं। महोत्सव में अष्टांग योग, आयंगर योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सोमैटिक योग, हटयोग, राजयोग, भक्तियोग, भारत योग, डीप योग ध्यान, मुद्रा, संस्कृत वाचन, आयुर्वेद, रेकी एवं भारतीय दर्शन की कक्षाएं चल रही हैं। महोत्सव में विदेशी कलाकार अपनी संस्कृति एवं संगीत की प्रस्तुति भी दे रहे हैं।

योग महोत्सव में अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, चिली, साउथ अफ्रीका, अर्जेन्टिना, बेल्जीयम, बुलगारिया, डेनमार्क, पोलेंड, सिंगापुर, स्पेन, स्विटजरलैंड, थाईलैंड, मलेशिया, साउथ कोरिया, इटली, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, मारीशस, मैक्सिकों, आइसलैंड, ईरान, जापान, कनाडा, ब्रिटेन, जुमैका, पुर्तकाल आदि देशों से साधक पहुंचे हैं। योग को लेकर विदेशी साधकों में उत्सुकता देखी जा रही है। वह मानते हैं कि योग जीवन को वरदान के रूप में परिवर्तित करने की शक्ति के बारे में चिंतन करने को प्रेरित करता है। वह गंगाघाटी की सुंदरता से भी अभिभूत दिखे। दूसरी बार परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव में पहुंची इटली की फ्रांसेस्का केसिया ने कहा कि महोत्सव में फिर आने से मेरी आत्मा और हृदय दोनों प्रफुल्लित हो रहे है। यह जीवन की शक्ति के बारे में चिंतन करने को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते गुरुवार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विशेष योग सत्र के दौरान दुनिया से आए योगाचार्यों और योग साधकों को विडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि ऋषिकेश से बेहतर देश में कोई दूसरा स्थान अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। ऋषिनगरी ऐसा स्थान है जहां संत, महात्मा और सारी दुनिया से योगी आते हैं।

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