- बद्रीनाथ धाम,द्वितीय केदार मद्महेश्वर,तृतीय केदार तुंगनाथ धाम
- कपाट बंद होने की तिथि विजयादशमी को होगी घोषित
- शीतकाल में गोपीनाथ मंदिर में होंगे विराजमान बाबा रुद्रनाथ
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
गोपेश्वर (चमोली) : उत्तराखंड के पांच केदारों में शुमार चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट आज कार्तिक संक्रांति के पर्व पर सुबह सात बजे विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। अब अगले वर्ष ग्रीष्म काल में बाबा रुद्रनाथ के दर्शन हो पाएंगे। अब यहाँ से भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली पंचगंगा, पित्रधार और पनार बुग्याल होते हुए आज रात्रि विश्राम के लिए ल्वींटी बुग्याल पहुंचेगी। द्रीनाथ धाम सहित द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयादशमी को घोषित की जाएगी।
रुद्रनाथ मंदिर समिति के सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि 18 अक्तूबर को डोली ग्राम पंचायत ग्वाड़ के जाख राजा मंदिर से होते हुए रात्रि प्रवास के लिए सकलेश्वर महादेव मंदिर में पहुंचेगी। 19 को डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।
वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर यानी नौ नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने का समय विजयादशमी के दिन तय किया जाएगा। वहीं ब्रद्रीनाथ धाम सहित द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयादशमी को घोषित की जाएगी।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 अक्तूबर को बद्रीनाथ मंदिर परिसर में पूर्वाह्न 11 बजे से बद्रीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित वेदपाठियों और हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में शीतकाल के लिए धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय की जाएगी।