DEHRADUN : भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए जेट्रोफा ईधन से स्पाई जेट के विमान ने सोमवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। ट्रायल के तौर पर शुरू हुई। विमानन कंपनी स्पाइस जेट के टर्बोपोर्प क्यू 400 विमान को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से फ्लैग ऑफ किया। ट्रॉयल के तौर पर स्पाईस जेट के एटीआर 72 सीटर विमान ने बिना किसी यात्री के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी।
ट्रायल के तौर पर शुरू हुई इस उड़ान के सफल रहने पर भविष्य में हवाई जहाजों में जेट्रोफा ईंधन के उपयोग का रास्ता खुल सकता है। यह बायोफ्यूल जैट्रोफा के तेल एवं हाइड्रोजन के मिश्रण से बनाया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विमान को रवाना करते समय कहा कि जैव ईंधन से उड़ान भरने वाला देश का यह पहला विमान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उड़ान सफल रहेगी और जेट्रोफा ईंधन से भविष्य में उड़ान का रास्ता खुलेगा।जिससे देश की काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
गौरतलब हो कि इसके लिए आइआइपी में प्लांट लगाया गया है। संस्थान में बायोजेट फ्यूल तैयार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ से बायोफ्यूल डेवलपमेंट अथॉरिटी के जरिये जैट्रोफा का बीज खरीदा गया है। इससे पूर्व जैव ईंधन से चलने वाले इस विमान का परीक्षण भी किया था। बताया गया कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में कमर्शियल विमान पहले से ही जैव ईंधन से उड़ान भर चुके हैं। जेट्रोफा ईंधन से पहली उड़ान दो साल पहले लंदन में भरी गई थी जो सफल रही थी। अब देश में जेट्रोफा ईंधन से पहली उड़ान जौलीग्रांट एयरपोर्ट से भरी गई है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के डायरेक्टर विनोद शर्मा ने बताया कि इस विशेष ट्रायल उड़ान के लिए स्पाई जेट का विमान रविवार को ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। स्पाई जेट के चीफ इंजीनियर विकास गुप्ता की देखरेख में विमान का फ्यूल टैंक खाली किया गया। इसके बाद विमान में जेट्रोफा ईंधन भरा गया। दो साल पहले जेट्रोफा ईंधन से लंदन में उड़ान के बाद देश में यह जेट्रोफा ईंधन की यह पहली उड़ान है।
उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में पेट्रो पदार्थौं की बढ़ती कीमत को लेकर विश्व के कई देश अब जैव इंधन के प्रयोग कि दिशा में आगे बढ़ रहे है इसी क्रम में इस साल जनवरी में आस्ट्रेलियाई कैरियर क्वांटास के ड्रीमलाइनर बोइंग 787-9 विमान ने लॉस एंजिलिस और मेलबर्न के बीच उड़ान भरी था। 15 घंटे की उड़ान के लिए मिश्रित ईंधन का उपयोग किया गया था। इसमें 10 प्रतिशत जैव ईंधन मिलाया गया था। वहीं इससे पहले वर्ष 2011 में अलास्का एयरलाइंस ने जैव ईंधन से चलने वाले कुछ विमान शुरू किए थे जिसके ईंधन में 50 फीसद खाद्य तेल का इस्तेमाल किया गया था। जबकि इसके साथ-साथ केएलएम ने भी साल 2013 में कुछ जैव ईंधन विमान न्यूयॉर्क और एम्सटर्डम में शुरू किए थे।
फ्लैग ऑफ के अवसर पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या, आईआईपी के निदेशक अंजन कुमार रे, स्पाइस जेट से जीपी गुप्ता, कैप्टन सतीश चन्द्र पांडे एवं आइआइपी के वैज्ञानिक उपस्थित थे।