- राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले प्रतिव्यक्ति आय और जीडीपी ग्रोथ में अच्छा प्रदर्शन
- पर्यटन और नेचर में राष्ट्रीय स्तर पर हब बनने की क्षमता
- रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट पर भी आयोग करेगा विचार
- राज्य में बेहद ज्यादा पोटेंशियल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड सरकार की मेहनत रंग लाने लगी है, आयोग के बयानों से तो कुछ ऐसा ही अनुभव किया जा रहा है। मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में आयोग की टीम ने आज प्रदेश के हालातों पर जिस तरह से सकारात्मक रुख जताया और दिखाया इतना ही नहीं आयोग ने राज्य को मदद का भरोसा दिया उससे कहा जा सकता है कि राज्य सरकार आयोग को राज्य की जरूरतों को समझाने में सफल हुई है।
देहरादून में आयोग की टीम ने 14वें वित्त से राज्य को नुकसान का जिक्र कर ये माना कि प्रदेश को लेकर 14वें वित्त आयोग ने ज्यादा अपेक्षाएं की। जिसका असर प्रदेश पर अबतक है ऐसे में 15वां वित्त आयोग राज्य की इस परेशानी पर सकारात्मक विचार करेगा। यही नही राज्य द्वारा जीएसटी राजस्व को लेकर निराशा जताने के बाद आयोग इस मामले पर भी चिंतन करेगा हालाकिं आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने जीएसटी में राष्ट्रीय स्तर पर भी अंतिम रेस्टिंग पॉइंट नही होने की बात कही, और इसीलिए आयोग के जीएसटी पर असेसमेंट जारी रखने को कहा है।
इतना ही नहीं आयोग के अध्यक्ष और सहयोगी सदस्यों की खास बात ये रही कि उन्होंने प्रदेश के भौगोलिक हालातों, आपदाओं के इतिहास के बावजूद राज्य का राष्ट्रीय स्तर पर तुलनात्मक आंकलन कर प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी ग्रोथ में बेहतर स्थिति होने पर सराहना की। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने मेमोरेंडम देकर प्रदेश के हालातों की जानकारी दी है, जिसके बाद आयोग पूरी तरह से मदद करने को तैयार है।
वहीं आयोग की टीम ने सरकार के आंकड़ों और तैयारियों के आधार पर सकारात्मक रुख रखने की बात कहकर आयोग स्तर पर पूरी मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान आयोग ने राज्य में बेहद ज्यादा पोटेंशियल होने और राज्य के पर्यटन और नेचर के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर हब बनने की क्षमता होने की बात कही।