बरसाती नदी में बहाया जा रहा फैक्ट्रियों का कैमिकल

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हरिद्वार । औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला अवशिष्ट पदार्थ एवं कैमिकल भेल कैम्पस से निकलने वाली नदी में बेरोकटोक बहाया जा रहा है। जिसके चलते रिहायशी क्षेत्र के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भेल कैम्पस से निकलने वाली नदी विभिन्न काॅलोनियों व मौहल्लों होकर निकल रही है। जिसके चलते सुभाष नगर, शिवालिक नगर, टिहरी विस्थापित नदी के आस पास रह रहे निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नदी में औद्योगिक क्षेत्र का विषैला कैमिकल लोगों के लिए खतरे का संकेत बना हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नदी के पानी के साथ काले रंग का कैमिकल बहाया जा रहा है जिसके चलते निवासियों को त्वचा रोग जैसी शिकायतें भी आ रही है। नदी के आस पास रिहायशी काॅलोनी है नदी के आस पास पालतू जानवर भी घूमते हैं जिसके चलते पालतू जानवर नदी के विषैले पानी में घुस जाते हैं। जिन कारणों से संक्रामक रोग फैलने की संभावनायें भी बनी हुई है। औद्योगिक फैक्ट्रीयां प्रदूषण नियंत्रण की बात तो करती है लेकिन स्वयं ही नदी के माध्यम से प्रदूषण को फैलाया जा रहा है। काला कैमिकल नदी के पानी में बहाया जा रहा है जिससे त्वचा रोग के साथ-साथ शरीर में खुजली आदि होने की शिकायतें भी लोगों द्वारा की जा रही है।

रिहायशी आबादी में बरसाती नदी होकर गुजरती है। जिसके चलते कैमिकल बहाये जाने से तरह-तरह की बीमारियों से लोग पीड़ित हो रहे हैं। शासन प्रशासन भी इस ओर ठोस कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। जबकि पूर्व में कई जानवर विषैले कैमिकल की चपेट में आने से मर गये थे। लोगों  द्वारा उस दौरान भी शिकायतें की गई थी बरसाती नदी के आस पास आवासीय क्षेत्र होने के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी फैक्ट्रीयों पर लगाम लगाने की आवश्यकता है जो कि अपनी फैक्ट्रियों का विषैला कैमिकल नदी के माध्यम से बहा रहे हैं। पर्यावरण को भी ऐसे कैमिकल से खतरे की संभावनायें बनी हुई हैं। स्थानीय लोगांे ने कहा कि ऐसी फैक्ट्रीयों पर उचित कार्यवाही होनी चाहिये जिससे लोगांे को सुरक्षा मिल सके।