प्रदेश के हर जिला अस्पताल में होगा एक-एक आईसीयू : मुख्यमंत्री

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  • मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया टेली रेडियोलाॅजी सुविधा का लोकार्पण 
  • टेली रेडियोलाॅजी सुविधा वाले राज्यों में उत्तराखण्ड शामिल होकर बना पांचवां राज्य
  • सूबे के 35 चिकित्सालयों में शुरू होगी टेली रेडियोलाॅजी की सुविधाएं 

पौड़ी (गढ़वाल) : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिला मुख्यालय पौड़ी से लोक निजी सहभागिता के अन्तर्गत टेली रेडियोलाॅजी सुविधा की शुरुआत के साथ ही देश में टेली रेडियोलाॅजी सुविधा को अपनाने वाले राज्यों में उत्तराखण्ड भी शामिल होकर पांचवां राज्य बन गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेवा राज्य की चिकित्सा के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा इससे राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को हर बीमारी का उपचार तय समय पर मिल पायेगा।

जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने टेली रेडियोलाॅजी सुविधा का लोकापर्ण किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई तथा मैमोग्राफी संबंधित जांचों पर त्वरित निर्णय और इलाज का परामर्श भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा टेली रेडियोलाॅजी की सुविधाएं राज्य के 35 चिकित्सालयों में होगी। जांच में लगने वाले समय की बचत एवं उपचार व्यय में भी कमी आयेगी। मुख्यमंत्री ने 20 मिनट में प्राप्त होने वाली सीटी स्कैन रिपोर्ट का भी जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी के बाद यह सुविधा राज्य के शेष 23 स्थानों पर भी शीघ्र ही शुरू कर दी जाएगी । उन्होंने कहा कि राज्य में रेडियोलाॅजी की सेवाएं ‘‘वाइटल हैल्थ ग्रुप‘‘ द्वारा उपलब्ध करायी जाएंगी। राज्य के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में इस तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होंगे। इससे ना सिर्फ पहाडों में चिकित्सा सुविधा को नये आयाम प्राप्त होंगे बल्कि विशेषज्ञ डाक्टरों के परामर्श पर बीमारियों का सहजता से उपचार भी हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी का प्रयोग पश्चिमी देशों में बहुतायत में किया जाता है। अब उत्तराखण्ड में भी इस प्रकार की पद्धति से चिकित्सा क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार होंगे।

उन्होंने प्रदेश में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि पूरे देश से डाक्टरों को राज्य में सेवाएं देने के लिए आमंत्रित किया गया है। केरल, मिजोरम, उड़ीसा तथा असम आदि क्षेत्रों से डाक्टरों को प्रदेश में तैनात करने के लिए आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा सेना प्रमुख से वार्ता कर सेवा निवृत्त पेशेवर डाक्टरों को भी सेवाएं देने के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेना समेत अन्य राज्यों से दो हजार से अधिक डाक्टरों के आवेदन प्राप्त हो गये हैं। शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर उन्हें सेवाएं देने के लिए तैनात किया जाएगा। प्रदेश के हर जिला अस्पताल में एक-एक आईसीयू भी स्थापित किये जाएंगे।

उन्होंने कहा टेली सेवाओं के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है और डिजिटल भारत के तहत लोेगों को डिजिटल सेवाओं के लिए इंटरनेट की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। सीमांत क्षेत्रों को आईआईटी मुम्बई के सहयोग से बैलून इन्टरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री की ‘संकल्प से सिद्धि’ के तहत किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य पर भी तीव्र गति से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए चमोली जिले के घेस गांव में हुई मटर की खेती को रोल माॅडल के रूप में लिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक तकनीकी से कृषि करने के गुर भी विषेशज्ञों द्वारा बताये जा रहे हैं।

पलायन पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ों से पलायन रोकना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए जिला मुख्यालय पौड़ी में पलायन आयोग को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को कदापि सहन नहीं करेगी। उन्होंने लोगों से भी भ्रष्टाचार में सहभागिता न करने की अपील की। कहा कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार होने पर 1905 टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। 

कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ.धनसिंह रावत, क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोली के अलावा महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ.अर्चना श्रीवास्तव, वाइटल हैल्थ ग्रुप सीईओ डाॅ. अनूप चैहान, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.आरएस राणा ने अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर डाॅ.मनीष भाटिया, मुख्यमंत्री के सलाकार नवीन बलूनी, जिलाधिकारी सुशील कुमार, एसएसपी जेआर जोशी एवं आम जनता उपस्थित रही।