देहरादून। दून घाटी का ऐतिहासिक झंडा मेला मंगलवार को झंडे जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया है। लाखों श्रद्धालु झंडाजी आरोहण के अविस्मरणीय क्षण के गवाह बनें। पुलिस-प्रशासन के साथ दरबार साहिब प्रबंधन ने इसके लिए पहले ही तैयारी पूरी कर ली थी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल से संगतों के पहुंचने का क्रम जारी रहा। दरबार साहिब परिसर के साथ ही श्री गुरु राम राय मिशन के स्कूल व शहर की तमाम धर्मशालाएं संगतों से पैक हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय के जन्मदिवस के रूप में हर साल दरबार साहिब में झंडा मेला आयोजित किया जाता है। उनका जन्म पंजाब के कीरतपुर (जिला होशियारपुर) में वर्ष 1646 को होली के पांचवें दिन हुआ था। वर्ष 1676 में श्री गुरु राम राय ने दून में डेरा डाला था और लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज स्थापित किया था। तब से अनवरत होली के पांचवें दिन झंडेजी का आरोहण होता है।
दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज का कहना है कि श्री झंडा मेला प्रेम, सद्भावना, आपसी भाईचारा, सौहार्द, उल्लास और अमन-चैन का संदेश देता है। झंडेजी पर शीश नवाने से सभी की मन्नतें पूरी होती हैं। यही वजह है कि श्रद्धालुओं की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। तमाम संगत के साथ देहरादून और देवभूमि पर श्री गुरु राम राय की कृपा व आशीर्वाद हमेशा बना है।
मंगलवार को सुबह आठ बजे से झंडाजी उतारने की रस्म हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दही, घी, गंगाजल से झंडा साहिब को स्नान कराया। गिलाफ चढ़ाने की रस्म सुबह दस बजे से शुरू हुई। इसके बाद लुधियाना निवासी अर्जुन सिंह ने परिवार के साथ झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। दोपहर बाद मखमली वस्त्र, चंवर और सुनहरे गोटों से सुसज्जित झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई।
झंडे जी के आरोहण के साथ ही देहरादून का प्रसिद्ध झंडा मेला शुरू हो गया। झंडे जी के आरोहण के मौके पर लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। संगतों द्वारा दरबार साहिब में मत्था टेका व सेवा की। आठ मार्च को नगर परिक्रमा होगी जिसमें महाराज देवेन्द्र दास खुद शिरकत करेंगे। यह नगर परिक्रमा झंडेजी से आरंभ होकर तिलक रोड, अग्रसैन चौक, चकराता रोड, पलटन बाजार, धामावाला, पीपल मंडी, सहारनपुर होते हुए मातावाला बाग में पहुंचकर समाप्त होगी। यह मेला लगभग एक माह तक चलेगा।