यात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते केदारनाथ में गहराया खाद्यान्न संकट

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गुप्तकाशी : केदारनाथ में यात्रियों की संख्या बढ़ने से धीरे-धीरे व्यवस्थाएं पटरी से उतरने लगी हैं। धाम में रसोई गैस, खाद्यान्न व सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में यात्रियों को भोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद इसके गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) पर्याप्त मात्रा राशन उपलब्ध होने का दावा कर रहा है।

केदारनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या अब प्रतिदिन 12 हजार के आसपास हो गई है। इसके अलावा धाम में प्रशासन, पुलिस, अन्य विभागों के कर्मचारी, स्थानीय व्यापारी व तीर्थ पुरोहितों को मिलाकर 15 हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। जबकि, व्यवस्थाएं यात्रियों की भीड़ के आगे लगातार सिमटती जा रही हैं।

केदार सभा के अध्यक्ष एवं व्यापारी विनोद शुक्ला का कहना है कि केदारनाथ में राशन के साथ ही रसोई गैस की किल्लत भी पैदा हो गई है। सरकार ने इस बार भी राशन की कोई नई दुकान नहीं खोली, जिससे स्थानीय व्यापारियों के सामने दिक्कतें पेश आ रही हैं। राशन की जो दुकान खुली भी थी, यात्रियों की भीड़ के सामने वह भी फीकी पड़ गई। इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है और उन्हें भोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

व्यापार संघ गौरीकुंड के अध्यक्ष महेश बगवाड़ी ने भी प्रशासन से यात्रियों की भीड़ को देखते हुए यात्रा मार्ग पर तत्काल राशन उपलब्ध कराने को कहा है। उधर, जीएमवीएन का दावा है कि उसके पास पर्याप्त राशन उपलब्ध है, लेकिन निगम अधिक से अधिक ढाई से तीन हजार लोगों को ही खाना खिला सकता है। जबकि, केदारनाथ में लगभग आठ हजार यात्री रोजाना भोजन कर रहे हैं।

गौरतलब हो कि आपदा से पूर्व सरकार यात्रा मार्ग पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती थी। साथ ही व्यापारियों के लिए अलग से यात्रा कोटा भी रखा जाता था। इसमें मिट्टी तेल भी शामिल था। लेकिन, आपदा के बाद यह व्यवस्था ठप पड़ गई। इस बार केदारपुरी समेत यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दुकानें संचालित कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। ऐसे में यात्रा बढ़ने पर खाद्यान्न समस्या गहराने लगी है।

खाद्यान्न संकट पर जिला पूर्ति अधिकारी किशोरी लाल का कहना है कि सरकारी राशन महंगा पड़ने से राशन यात्रा मार्गो पर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। लेकिन, केदारनाथ व अन्य पड़ावों में राशन की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहां स्थानीय स्तर पर भी राशन की दुकानें खुली हैं।