लगातार हो रही बारिश के कारण केदारघाटी का जनजीवन अस्त व्यस्त

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-केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह आया मलबा और बोल्डर 

-यात्रियों को आवागमन में हो रही दिक्कतें

-बरसात से मंदाकिनी-अलकनंदा नदियों के साथ ही गाड़-गदेरे उफान पर

-पानी के नालों  पर आ रहा गंदा पानी, उपभोक्ता परेशान

-यात्रा में भी आई भारी गिरावट, आंकड़ा पहुंचा तीन लाख 70 हजार के पार

रुद्रप्रयाग । जिले में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जहां एक ओर बारिश के कारण यात्रा पर खासा प्रभाव पड़ा है, वहीं लोगों को आने जाने में खासी दिक्कतें भी उठानी पड़ रही है। इसके अलावा बारिश से मंदाकिनी व अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने के साथ ही गाड़-गदेरे भी उफान पर आ गये हैं और नलों पर गंदा पानी आने से लोग परेशान हैं।

दरअसल, लगातार हो रही बरसात ने लोगों की दिक्कतें भी बढ़ा दी हैं। बारिश के कारण काम-काज प्रभावित होने लगा है। केदारनाथ यात्रा का आंकड़ा भी काफी गिर चुका है। यात्रा मार्ग फिर से सूने पड़ने लगे हैं और यात्रियों की चहलकदमी मानों समाप्त सी हो गई है। बारिश से यात्रा पर खासा असर देखने को मिल रहा है। जहां एक सप्ताह पूर्व यात्रा में हर दिन एक से डेढ़ हजार यात्री पहुंचते ही थे, वहीं अब तीन से चार सौ के बीच ही यात्री पहुंच रहे हैं। ऐसे में यात्रा मार्ग पर व्यवसाय कर रहे व्यापारियों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। वैसे यात्रा का आंकड़ा अब तक तीन लाख 70 हजार के पार पहुंच चुका है।

बारिश के कारण केदारनाथ नेशनल हाईवे को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है। जगह-जगह हाईवे पर बोल्डर आने शुरू हो गये हैं। हाईवे के लोनिवि कार्यालय के पास भारी मात्रा में बड़े-बड़े बोल्डर गिरे हुए हैं, जबकि नौलापानी, बांसबाड़ा, रामपुर, खाट, सोनप्रयाग में बोल्डर के साथ ही मलबा भी गिर रहा है। जिससे यात्रियों को आवाजाही करने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।

इधर, बारिश के कहर से मंदाकिनी-अलकनंदा नदियों के साथ ही गाड़-गदेरे भी उफान पर आ गये हैं। नदियों और गाड़-गदेरों के उफान पर आने से आस-पास के भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। साथ ही पानी भी गंदा आने लगा है। जिस कारण उपभोक्ताओं को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। जहां ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति प्राकृतिक स्त्रोत से पूरी करनी पड़ रही है, वहीं शहरी इलाकों में गंदा पानी पीकर ही काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को बीमारी का डर भी सता रहा है।

पूर्व पालिका अध्यक्ष श्रीमती रेखा सेमवाल, भाजयुमो जिला महामंत्री विकास डिमरी, सभासद दीपांशु भट्ट ने कहा कि बारिश होते ही मुख्यालय का पुनाड़ गदेरा उफान पर आने लगता है और गदेरे में गंदा पानी बहने लगता है। वॉटर फिल्ट्रेशन के नाम पर जल संस्थान विभाग करोड़ो रूपये हजम कर रहा है और उपभोक्ता गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय की यह स्थिति है तो अन्य जगहों के क्या हालत होंगे, यह समझा जा सकता है।

वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि बरसात को देखते हुए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजामात किये गये हैं। केदारनाथ हाईवे मलबा और बोल्डर आने पर शीघ्र खोलने के आदेश दिये गये हैं। इसके अलावा ग्रामीण लिंक मार्गों पर भी नजर रखी गई है। उन्होंने बताया कि बरसात के कारण यात्रा में काफी कमी आ गई है। बरसाती सीजन कम होने के बाद फिर से यात्रा पटरी पर लौट आएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि पुनाड़ गदेरे के उफान पर आने से नगर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को मटमेले पानी की आपूर्ति की जा रही है। विभागीय अभियंताओं को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि बरसात के दौरान गदेरे में पानी गंदा आने पर सप्लाई बंद कर दी जाय और वॉटर फिल्ट्रेशन के जरिये उपभोक्ताओं को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जाय।