पौड़ी के पाबौ इलाके में अतिवृष्टि में दो मकान बहे, कई मवेशी मलबे में दबे

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  • तीन बकरियां, एक गाय और दो बछड़े मकान के मलबे में दबे 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

पौड़ी /उत्तरकाशी /चमोली : राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक के कलुण गांव में रविवार (आज) शाम अतिवृष्टि से दो मकान अचानक गधेरे में आये तेज बहाव में बह गए। वहीं तीन बकरियां, एक गाय और दो बछड़े भी मलबे में दब गए हैं ।

जिलाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार को घटनास्थल पर भेजा गया है। पशुपालन विभाग की टीम भी मौके पर गई है। प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। अब तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है।

वहीँ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भूस्खलन से उनकी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। गधेरे के तेज बहाव में बहे मकान सिताब सिंह, दिलबर सिंह व रणजीत सिंह के बताए गए हैं। वहीं कुछ मवेशियों के मारे जाने की सूचना है। एसडीएम श्याम सिंह राणा व तहसीलदार हरिमोहन खंडूडी मौके पर गए हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व पशुपालन विभाग की टीम भी मौके पर भेजी गई है।

उधर, कोटद्वार के दुगड्डा ब्लॉक के ग्राम पंचायत जमरगड्डी में भी बीती शनिवार शाम हुई मूसलाधार बारिश से एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। उस समय घर में कोई नहीं था। घटना की सूचना पट्टी पटवारी को दे दी गई है। गौरतलब हो कि बीती 25 अगस्त को हुई भारी बारिश के बाद जमरगड्डी ग्राम पंचायत के जमरगड्डी मल्ली में अतिवृष्टि से सात आवासीय भवनों में गहरी दरारें आ गई थी। शनिवार शाम हुई मूसलाधार बारिश में माया देवी का आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया।

माया देवी ने बताया कि शाम को वह मवेशियों को चराने के लिए गई थी। चार बजे के करीब अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जिससे मकान की आगे की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। राजस्व उपनिरीक्षक संगीता राज ने बताया कि मकान के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्रभावित परिवार ने फोन पर दे दी है।

पीड़ित परिवार को लिखित में शिकायत देने को कहा गया था, लेकिन पीड़ित परिवार द्वारा अभी तक कोई लिखित सूचना नहीं दी है। जमरगड्डी मल्ली में आवासीय भवनों में भू-धंसाव से दरारें पड़ गई हैं। प्रभावित ग्रामीणों ने प्रशासन से उनके पुनर्वास की मांग उठाई थी, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों में रोष है।

  • भारी बारिश और भूस्खलन से यमुनोत्री-गंगोत्री हाईवे हुआ बंद

उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश के बाद जगह-जगह हुए भूस्खलन से यमुनोत्री व गंगोत्री हाईवे सहित कई लिंक मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। ओजरी डबरकोट में भूस्खलन होने के कारण तीर्थयात्रियों व ग्रामीणों को तिर्खली-कुंसाला पैदल मार्ग से आवाजाही करनी पड़ रही है। गंगोत्री हाईवे के नेताला क्षेत्र में भारी मलबा और दलदल होने के कारण एक वाहन फंस गया है। हालांकि उसमें सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। वहीं वरुणावत में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने इंदिरा कालोनी को खाली करा दिया है।

रविवार दोपहर को शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद ओजरी डबरकोट में हुए भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे दोपहर करीब दो बजे बाधित हो गया, जिससे यमुनोत्री धाम से लौट रहे करीब 200 तीर्थयात्री जानकीचट्टी की तरफ अपने वाहनों के साथ फंस गए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों व ग्रामीणों को तिर्खली-कुंसाला वैकल्पिक पैदल मार्ग से आवाजाही कराई जा रही है। वहीं पहाड़ी से लगातार गिर रहे बोल्डर पत्थर के कारण एनएच कर्मचारियों को हाईवे खोलने में दिक्कत आ रही है।

उधर, नेताला क्षेत्र में भूस्खलन होने से गंगोत्री हाईवे शाम करीब साढ़े पांच बजे अवरुद्ध हो गया। इस बीच एक कार मलबे में फंस गई। लोगों ने इसमें सवार यात्रियों को सुरक्षित निकाला। वहीं वरुणावत पर्वत के तांबाखानी क्षेत्र से दोबारा भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है, जिसके तहत वरुणावत की तलहटी में खतरे की जद में आई इंदिरा कालोनी को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। प्रभावित हिस्से में गंगोत्री हाईवे पर पुलिस की निगरानी में वाहनों की आवाजाही कराई जा रही है।

  • नंदाकिनी के जलस्तर बढ़ने से 27 परिवारों ने छोड़े अपने घर

वहीं, चमोली के घाट में शनिवार रात को भारी बारिश के दौरान सुतोल गांव के समीप बुग्यालों में बादल फटने से नंदाकिनी का जलस्तर बढ़ गय। पुलिस और तहसील प्रशासन ने बाजार के सालुबगड़ से संगम स्थल, पुराना बाजार और कुमारतोली में लाउडस्पीकर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने और भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट रहने की अपील की। नंदाकिनी और चुफलागाड के किनारे के मकानों में निवास कर रहे करीब 27 परिवारों ने मकाल छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ली। रात दो बजे नदी का जलस्तर कम होने के बाद लोग घरों में लौटे।

विकास खंड के नंदाक पट्टी के ग्राम पंचायत फाली, कुंतरी, घिंघराण, गरणी, बांजबगड़, भेंटी, लांखी, सरपाणी और सेंती गांव में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लांखी गांव के एनोलीधार में खिलाफ सिंह बिष्ट, अशोक बिष्ट और मनोज बिष्ट के मकान में मलबा घुस गया। गरणी तोक में रणजीत सिंह फरस्वाण का मकान टूट गया। चुफलागाड़ के कटाव से दस मकान खतरे की जद में आ गए। भटियाणा गांव के समीप भी भूस्खलन सक्रिय हो गया है।

गांव के फते सिंह नेगी का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। बांजबगड़ के कठूड़ा तोक में शंभू प्रसाद मैंदोली का मकान टूट गया। सैंती गांव के भेंसोड़ा तोक में विजय प्रसाद जोशी का मकान व भवानी दत्त की गोशाला टूट गई। सरपाणी गांव को भी भूधंसाव से खतरा उत्पन्न हो गया है। स्यांरी गांव को जाने वाला पैदल रास्ता जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। घाट-स्यांरी-बंगाली सड़क अवरुद्ध हो गई। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण के बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाएगी।