DOPT की स्वीकृति के बाद बढ़ी चर्चित ब्यूरोक्रेट की मुश्किलें !

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  • भ्रष्टाचार को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्त : मुख्यमंत्री  
  • मुख्य सचिव ने कहा एसआइटी जांच के तथ्यों  पर होगी सख्त कार्रवाई
  • डीओपीटी से  जांच और कार्रवाही के लिए सरकार को मिली अनुमति : सूत्र 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो   

DEHRADUN : आखिरकार  देवभूमि मीडिया डॉट कॉम  की खबर आर्बिट्रेटरों तक पहुंची जांच की आंच,कार्मिक विभाग ने DOPT को लिखा पत्र ! एक बार फिर सही साबित हुई है। एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में एसआइटी जांच  में सूबे के एक ब्यूरोक्रेट की संलिप्तता को लेकर ब्यूरोक्रेट के खिलाफ जहाँ विभागीय जांच शुरू किये जाने के संकेत मिले हैं वहीँ यह बात भी पुख्ता हो गयी है कि प्रदेश सरकार ने चर्चित ब्यूरोक्रेट के खिलाफ विभागीय जांच के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखा है। इतना ही नहीं मामले में सरकार अब बैकफुट पर आने के बजाय भ्रष्टाचार पर अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रमाणित भी करना चाहती है ताकि प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में सन्देश जाए कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस केवल जुमलों तक सीमित नहीं रखती बल्कि इस पर सख्त भी है।

वहीं मामले में तमाम पत्राचार के बाद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में विजिलेंस और न्याय महकमे के आला अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें मुख्य सचिव सहित सचिवालय में प्रमुख सचिव न्याय मीना तिवारी, अपर पुलिस महानिदेशक विजिलेंस राम सिंह मीणा और विजिलेंस के एसएसपी सेंथिल अबुदेई कृष्णराज के साथ बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई। मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि एसआइटी जांच रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर जल्द ही सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है और सरकार अपने स्टैंड पर कायम है उन्होंने कहा यह शायद देश का पहला मामला होगा जिसमे दर्जनभर अधिकारी और कर्मचारी जेल पहुँच चुके हैं और गलत तरीके से मुआवजा लेने वाले किसान मुआवजे में मिली रकम सरकार को वापस लौटा रहे हैं। उन्होंने कहा इससे यह साफ़ हो चुका है कि यह कितना बड़ा भ्रष्टाचार का मामला था उन्होंने कहा ऐसे मामलों में किसी भी स्तर के अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

वहीँ ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 मुआवजा घोटाले में आब्र्रिट्रेशन से जुड़े जिले के तत्कालीन आला नौकरशाह का नाम सामने आ जाने के बाद और सरकार की मामले में सख्ती के सन्देश से नौकरशाही में हड़कंप मचा हुआ है। एन एच -74 मामले में एसआइटी जांच  के बाद सरकार भी फूंक-फूंक कर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। सूत्रों की मानें तो डीओपीटी से भी मामले में लिप्त रहे अधिकारी के खिलाफ जांच और कार्रवाही के लिए सरकार को अनुमति मिल गयी है। उल्लेखनीय है कि राज्य के इस चर्चित मुआवजा घपले में अब तक आठ पीसीएस अधिकारी जेल की हवा खा रहे हैं। वहीँ सूबे के इस घोटाले में आर्बिट्रेटर रहे चर्चित ब्यूरोक्रेट की संलिप्तता का मामला है।