Loan लेकर कर्मचारियों को दी गयी दीपावली की सौगात

0
1377
  • विकास कार्यों के बाद अब सौगात देने के लिए भी सरकार ने लिया कर्ज 

देहरादून : ‘यावत् जीवेत सुखं जीवेत ऋणं कृत्वा घृतं पीबेत, भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत:’ अर्थात जब तक जियो मौज से जियो और कर्ज लेकर घी पियो मतलब मौज मस्ती करो कैसी चिंता, शरीर के भस्म हो जाने के बाद फिर वह वापस थोड़े ही आती है। यह कहावत अब तक 3200 करोड़ का कर्ज ले चुकी उत्तराखंड सरकार पर बिलकुल सही बैठती है जिसने राज्य के कर्मचारियों को डीए, बोनस और एरियर देने के लिए 500 करोड़ का मंगलवार को एक बार फिर कर्ज लिया है। वहीँ राज्य में किये जा रहे विकास कार्यों के लिए भी राज्य सरकार ने विश्व बैंक सहित एशियन डेवलोपमेन्ट बैंक और कई अन्य सस्थाओं के कर्ज ले चुकी है और पिछली सरकारों द्वारा लिए गए कई संस्थानों का राज्य सरकार अब भी ऋण कि अदायगी के साथ -साथ उनके ब्याज कि अदायगी भी कई अन्य मदों के धन से कर रही है।

कर्मचारियों को जबरन खुश करने और ”सौगात” जैसे आकर्षक शब्दों के चक्कर में राज्य सरकार को दिवाली से पहले कर्मचारियों को खुश करने के लिए राज्य सरकार को बाजार से कर्ज उठाना पड़ा। गौरतलब हो कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड की सरकार को कर्ज लेने के लिए लगभग 6200 करोड़ की लिमिट तय की है। जबकि वह अब तक इसकी आधी रकम कर्ज के रूप में उठा चुकी है।

इस कर्ज से राज्य सरकार ने मंगलवार को ही वर्ष 2005 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर का 200 करोड़ नकद भुगतान कर दिया है। नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के खातों में यह राशि भेजी जाएगी। जबकि एरियर का 10 फीसदी हिस्सा उनके पेंशन खाते में जमा की जाएगी।

वहीँ राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का एरियर दो किस्तों में दिया जाएगा। एक जनवरी, 2016 से 30 जून 2016 तक की अवधि तक का एरियर इसी वित्तीय वर्ष में मिलेगा। जबकि जुलाई 2016 से दिसंबर 2016 तक की अवधि का भुगतान अगले साल किया जाएगा। मंगलवार को प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी की ओर से वेतन व भत्तों के एरियर सबंधी आदेश किए गए। लगभग दो लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका लाभ मिलेगा।

वहीँ पुरानी पेंशन के दायरे में आने वाले कर्मचारियों का एरियर से आयकर कटौती के बाद भविष्य निधि खाते में जमा होगा और छूट के मामलों में छोड़कर इस राशि को एक साल तक निकाला नहीं जा सकेगा। नई पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को अवशेष धनराशि का दस प्रतिशत पेंशन खाते में जमा किया जाएगा। जबकि एरियर की बकाया राशि का भुगतान नकद किया जाएगा। एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच रिटायर एवं मृत कर्मचारियों को एरियर का भुगतान आयकर कटौती के बाद नकद दिया जाएगा।