शिक्षा विभाग में अब विभागीय होगा महानिदेशक,आइएएस नहीं

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देहरादून: पिछले कुछ समय से सरकारी विद्यालयों की शिक्षा में ठहराव आ गया है। प्रदेश के शिक्षकों को इस ठहराव को खत्म करने का जिम्मा अपने ऊपर लेना चाहिए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ननूरखेड़ा में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के भवन के शिलान्यास पर ये बातें कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह भवन स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में बनेगा। सीएम ने विद्यालयी शिक्षा में महानिदेशक का पद विभागीय करने का मामला कैबिनेट में लाने का भी आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने गुणात्मक शिक्षा पर बल देते हुए शिक्षकों से इसके लिए मिशन मोड पर काम करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों को पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों में भी सेवाएं देने के लिए तैयार रहना चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए ही सरकार को अतिथि शिक्षकों का विकल्प अपनाना पड़ा था।

शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की अनेक समस्याओं का निराकरण किया है। जिससे शिक्षकों की नियुक्तियों, पदोन्नति व विद्यालयों के उच्चीकरण के कार्य में भी तेजी आई है। जिससे शिक्षा उन्नयन की सोच धरातल पर उतर रही है। इस अवसर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. आरके कुंवर, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा सीमा जौनसारी सहित शिक्षक-कर्मचारी उपस्थित रहे।

बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने चेताया कि यदि सरकार एलटी और प्रवक्ता पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं करती है तो इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। प्रशिक्षित सीएम के घेराव को ननूरखेड़ा पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया। बाद में शिक्षा मंत्री व माध्यमिक शिक्षा निदेशक से एक छोटी सी मुलाकात के बाद प्रशिक्षित वापस लौट गए।

प्रशिक्षित बीएड बेरोजगार संगठन एलटी में पाच हजार और प्रवक्ता के 906 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की माग को लेकर 10 दिन से आदोलन पर है। इसे लेकर प्रशिक्षित सचिवालय के बाहर धरने पर भी बैठ चुके हैं। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो राज्यभर के बीएड प्रशिक्षित इसका जवाब विधानसभा चुनाव में देंगे। तय हुआ कि जल्द ही राज्यभर के बीएड प्रशिक्षित सीएम आवास कूच करेंगे। शनिवार को धरने पर अध्यक्ष सचिन अग्रवाल, प्रभा रावत, लोकेंद्र असवाल, ममतेश चौहान, नितिन जायड़ा, गंभीर बिष्ट, सतपाल, सुशील कैंतुरा, संतोषी, साक्षी आदि मौजूद रहे।