पूर्व विधायक भारत सिंह रावत का निधन

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कोटद्वार। उत्तराखंड राज्य योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और लैंसडौन के पूर्व विधायक भारत सिंह रावत का निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। पिछले 6 माह से कैंसर से पीडि़त भारत सिंह रावत ने अपने कुंभीचौड़ स्थित आवास में अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे भरा-पूरे परिवार को रोता बिलखता छोड़ गये हैं। निधन की सूचना मिलते ही उनके आवास पर लोगों का तांता लग गया और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

अविभाजित उत्तर प्रदेश में पांच बार विधायक रहे स्व. रावत का जन्म रिखणीखाल ब्लॉक की बिचला बदलपुर पट्टी के ग्राम चपड़ेत में सन् 1934 को हुआ था। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने लैंसडौन के सेंट्रल स्कूल में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं देना शुरू किया था। स्व. रावत के पुत्र प्रदीप रावत उत्तराखंड शिक्षा विभाग में उच्चाधिकारी हैं जबकि दिलीप रावत वर्तमान में लैंसडौन से भाजपा विधायक हैं। जबकि दो पुत्र अपना निजी कार्य करते हैं।

विधायक दिलीप रावत ने बताया कि पिछले छह महीने से वे काफी बीमार चल रहे थे और हिमालयन अस्पताल से उनका उपचार चल रहा था। उन्होंने बताया कि तबीयत बिगडऩे पर उन्हें कोटद्वार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से चिकित्सकों ने उन्हें घर वापस भेज दिया था। दलीप रावत ने बताया कि दोपहर 12 बजे उनके पिता ने अंतिम सांस ली।

वहीँ  मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी के वरिश्ठ नेता, पूर्व विधायक एवं पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष भारत सिंह रावत के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय ने अपने शोक संदेश में कहा कि भारत सिह रावत का आकस्मिक निधन उनके परिवार की ही नहीं अपितु सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य की भी अपूर्णीय क्षति है तथा समाज को इनकी रिक्ति सदैव महसूस होती रहेगी।

अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री हरीश रावत व  प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्व$ भारत सिह रावत ने राजनैतिक सिद्घांतों के प्रति प्रतिबद्घ रहकर अपनी पार्टी के लिए समर्पित होकर कार्य किया। स्व$ रावत लम्बे राजनैतिक जीवन में कई बार विधायक एवं अविभाजित उत्तर प्रदेश में योजना आयोग के उपाध्यक्ष सहित अनेक पदों पर कार्य करते हुए वे अपने अंत समय तक अपने क्षेत्र से जुड़े रहे तथा वहां की जन समस्याओं के समाधान के प्रति सक्रिय रहे। उनका निधन राज्य के लिए अपूर्णीय क्षति है। उपाध्याय ने षोक संतन्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वे इस दु:ख की घडी में उनके साथ बराबर के सहभागी हैं, हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांन्ति प्रदान करें तथा शोक संतन्त परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की शक्ति देवें।

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