सीएम ने पिथौरागढ़ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

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सीएम ने धारचूला के ढूगातोली में हुई तबाही का जायजा लिया

पिथौरागढ़ / हल्द्वानी । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को जनपद पिथौरागढ के तहसील धारचुला के मांगती, घटियाबगड़ में आई आपदा से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि बरम तक ही हवाई सर्वेक्षण में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया जा सका। मौसम खराब होने के कारण आगे नही जा सके। मालपा से घटियाबगड़ तक तीन जगह पर पुल क्षतिग्रस्त हुये है। तवाघाट के पास 150 फुट सड़क बह गयी है। एसडीआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, सेना की टुकडियां, स्थानीय प्रशासन और लोग राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। लापता लोगों के बचाव व खोजबीन का कार्य तेजी चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनकी फोन पर बात हुई है। उन्होंने राहत और बचाव कार्य हेतु एनडीआरएफ टीम भेजने की बात कही। हालांकी एनडीआरएफ की एक टीम मालपा में बचाव कार्य में जुटी हुई है। नेपाल सीमा होने कारण आपदाग्रस्त क्षेत्र में मोबाईल कनेक्टिविटी की समस्या के बारे में गृह मंत्रालय से अनुरोध किया गया है। नेपाल सरकार से बातचीत कर मोबाईल सर्विस फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का अनुरोध किया जा रहा है। जिससे नेपाल सीमा से सटे आपदाग्रस्त क्षेत्रों की जानकारी मिलती रहे। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि मौसम की खराबी कारण धारचुला वैली स्थित हेलीपैड में हेलीकाॅप्टर उतारने में दिक्कत हो रही है। हेलीकाॅप्टर ने तीन राउंड लगाये पर उन्हें वापस लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में गये दो दल चीन सीमा में सुरक्षित है। एक दल को मानसरोवर यात्रा पर जाना है। सड़कें ठीक होने के बाद ही आगे यात्रा की अनुमति दी जायेगी। इस क्षेत्र में तीन पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं । मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा में क्षतिग्रस्त सिंगखोला पुल, जो सिखा व गाला को जोड़ता है को दो दिन में आवागमन के लिये खोल दिया जायेगा। मालपा में नजमगढ़ के पास क्षतिग्रस्त मालपा पुल एक सप्ताह में ठीक कर दिया जायेगा। तवाघाट में आपदा से क्षतिग्रस्त सड़क को आवागमन के लिये खोल दिया गया है। मांगतीनाला में घायल हुये चार जवानों को उपचार के लिये धारचुला लाया जा रहा है। अभी तक 08 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की खोज की जा रही है वहां पर एसडीआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सेना के 80 लोग राहत व बचाव कार्य मंे जुटे हुए है।  

मालपा में आई दैवीय आपदा में अब तक मिली जानकारी के अनुसार मृतकों के नाम निम्नवत् है।

  1. मालती देवी पत्नी पुष्कर सिंह(दुकानदार)
  2. सुरेन्द्र गब्र्याल पुत्र दलीप सिंह निवासी गर्बियांग
  3. जैमल सिंह पुत्र मनवीर सिंह  निवासी जिप्ती(दुकानदार)
  4. नील बहादुर पुत्र अज्ञात निवासी नेपाल(पोर्टर)

बीती देर रात्रि को सीमान्त जनपद पिथौरागढ के धारचूला के ग्राम ढूगातोली में हुई भारी वारिश के बाद हुये भूस्खलन से हुई तबाही का जायजा लेने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत तथा वित्तमंत्री प्रकाश पंत सोमवार दोपहर प्रभावी क्षेत्रो का जायजा लेने रवाना हुये। मुख्यमंत्री श्री रावत कुछ समय के लिए हल्द्वानी स्थित आर्मी हेलीेपेड पर रूके। अल्प विश्राम के बाद उन्होने वित्तमंत्री के साथ पिथौरागढ के प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करने के लिए रूख किया। 

हल्द्वानी अल्प विश्राम के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मौसम की चेतावनी के चलते आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यो के लिए सरकार पूरी तरह से सजग है। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट रहता है। इसके चलते बीती रात धारचूला के ग्राम ढूगातोली मंे हुई तबाही में राहत एवं बचाव कार्यो के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ ही एसडीआरफ के जवान मुस्तैदी से कार्य कर रहे है। श्री रावत ने कहा कि सीमान्त जनपद का धारचूला एवं मुनस्यारी इलाका आपदा के मामले मे काफी संवदेनशील है इन क्षेत्रों मे आपदाओं के नियंत्रण एवं भूस्खलन जैसी समस्याओं के स्थायी निराकरण के लिए सचिव आपदा प्रबंधन को कारणों का पता लगाये जाने तथा स्थायी समाधान के लिए कार्य योजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये है। भारत सरकार के सहयोग से इन क्षेत्रों में स्थायी समाधान किये जाने की दिशा में प्रदेश सरकार कार्य करेगी।

वित्तमंत्री श्री पंत ने कहा कि विगत देर रात आपदा की जानकारी सरकार को मिल गई थी। स्थानीय प्रशासन एवं एसडीआरएफ के जवानों द्वारा तत्काल राहत कार्य प्रारम्भ कर दिये गये है। घायलों एवं प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाये जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। श्री पंत  ने बताया कि मालपा से गाल तक का मार्ग काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। लमाडी-चूडी मार्ग मे भी काफी दिक्कत है। इन मार्गो को तत्काल खोले जाने के लिए कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये है। इसके साथ ही व्यासघाटी में पूजा अर्चना करने वाले दर्शनार्थी व अन्य लोगों के भी फंसे होने की जानकारी मिल रही है। इन सभी को सुरक्षित निकाले जाने के लिए हैली सेवाओं की मदद ली जा रही है।

वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को जनपद पिथौरागढ़ के तहसील धारचूला के मांगती, घटियाबंगड़ एवं मालपा में आयी आपदा एवं विगत दिनों जनपद के सीमांत क्षेत्र बरम, ढूंगातोली, मदरमा एवं तहसील बंगापानी के मदरमा में आयी आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जिला प्रशासन से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जनपद पिथौरागढ़ के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने नैनीसैनी हवाई पट्टी में जिला प्रशासन से राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की कौताही न बरती जाए। आपदा प्रभावितों को खाद्यान्न एवं शुद्ध पेयजल आदि आवश्यक सामग्रियों की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु हर सम्भव मदद दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए है कि लापता हुए व्यक्तियों की खोज एवं बचाव के कार्यों में तेजी लाई जाए। जो भी सड़क मार्ग अवरूद्व है, उन्हें तुरन्त खोले जाने का प्रयास किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि आपदा की दृष्टिगत सीमांत क्षेत्र धारचूला में एक हैलीकाॅप्टर की व्यवस्था रहे। जिला प्रशासन आपदा एवं मानसून काल में हाई अलर्ट में रहे एवं किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए तैयार रहे। निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, विधायक डीडीहाट बिशन सिंह चुफाल, विधायक गंगोलीहाट मीना गंगोला, जिलाधिकारी सी.रविशंकर, जिला प्रशासन के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।