गृहमंत्री राजनाथ के सामने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रखी मांग

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  • अतिरिक्त अर्द्ध-सैनिक प्रशिक्षण संस्थान एवं अर्द्ध-सैनिक भर्ती केन्द्र की स्थापना की मांग

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भेंटवार्ता के दौरान उत्तराखण्ड में एक अतिरिक्त अर्द्ध-सैनिक प्रशिक्षण संस्थान एवं अर्द्ध-सैनिक भर्ती केन्द्र की स्थापना करने हेतु आग्रह किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य राज्य है।  यहां के वीर जवान देश की सीमाओं पर देश की सुरक्षा के लिए निरन्तर तत्पर रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी का मुख्य लक्ष्य देश की सेवा करना होता है इस वजह से अगर प्रदेश में एक अतिरिक्त अर्द्ध-सैनिक प्रशिक्षण संस्थान एवं अर्द्ध-सैनिक भर्ती केन्द्र की स्थापना हो जाती है तो नवयुवकों को सेना एवं अर्द्ध सेना बलों से जुडने के अवसरो में वृद्धि हो सकेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बी.ए.डी.पी.(बोर्डर एरिया डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट) की धनराशि को दुगना किए जाने पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सीमान्त क्षेत्रों के विकास में तेजी आ सकेगी साथ ही पलायन की समस्या के निराकरण में भी मदद मिल सकेगी। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार में उत्तराखण्ड राज्य के लम्बित प्रकरणों की ओर भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह का ध्यान आकर्षित किया।

इस सम्बन्ध में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को दिये गये एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आग्रह किया कि राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना 2017-18 की कार्ययोजना रूपए 457.00 लाख तथा अनुपूरक कार्य योजना रूपए 91.40 लाख कुल रूपए 548.40 लाख जिसे स्टेट लेवल इम्पावर कमेटी के अनुमोदन के उपरांत दिनांक 17 अगस्त, 2017 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार की हाई पावर कमेटी की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो चुकी है, परन्तु अभी तक धनराशि राज्य सरकार के पक्ष में अवमुक्त नहीं हो पाई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नवसृजित उत्तराखंड राज्य में आय के सीमित साधन होने एवं पर्वतीय राज्य होने के कारण राज्य द्वारा आंतरिक सुरक्षा हेतु केन्द्रीय अर्धसैनिक पुलिस बलों को रूपए 130 करोड़ का भुगतान किया जाना है, जिसे माफ किये जाने का प्रकरण भी गृह मंत्रालय भारत सरकार के विचाराधीन है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजकीय रेलवे पुलिस के पुनर्भरण के 50 प्रतिशत धनराशि का रेलवे द्वारा भुगतान किया जाना है (पूर्वोत्तर रेलवे रूपए 16.27 करोड़ तथा उत्तर रेलवे रूपए 3.18 करोड़ कुल रूपए 19.45 करोड़)। राजकीय रेलवे पुलिस के अतिरिक्त 287 पदों के सृजन का प्रस्ताव भी गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन विचाराधीन/लम्बित है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि पुलिस संचार में अधिष्ठापित 32 संचार नेटवर्क के स्पैक्ट्रम चार्ज पर देय विलम्ब शुल्क (लगभग छब्बीस करोड़) की धनराशि की छूट दिए जाने के प्रस्ताव के साथ ही इंडिया रिजर्व वाहिनी की स्थापना पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु भारत सरकार द्वारा अवमुक्त की गई धनराशि लगभग 79 लाख जिसकी प्रतिपूर्ति पांच किस्तों में भारत सरकार को की जानी है, को भुगतान से मुक्त किए जाने का प्रस्ताव भी गृह मंत्रालय भारत सरकार से लंबित विचाराधीन/लम्बित है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि संपूर्णानंद शिविर, सितारगंज, ऊधम सिंह नगर की 50 एकड़ भूमि, जो बी0एस0एफ को हस्तांतरित की गई थी, जिसका मूल्य रूपए 01 करोड़ 65 लाख मात्र है, उक्त भूमि के कुछ भाग पर निर्मित प्राइमरी स्कूल, बैरक, गौशाला, पम्प हाउस, ओवरहेड टैंक, गोदाम तथा दो आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण के उपरांत बी0एस0एफ0 द्वारा संपूर्णानंद शिविर की अतिरिक्त भूमि पर उक्त निर्माण कराये जाने हैं, जिसकी लागत 88 लाख मात्र है, का प्रकरण भी गृह मंत्रालय, भारत सरकार में लम्बित/विचाराधीन है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र को सभी प्रकरणों में जल्द ही उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।