मुख्यमंत्री ने की केंद्रीय मंत्रियों से की विभिन्न मामलों पर मुलाकात

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  • स्कूलों के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहयोग की मांग की

  • सीएम ने केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री से की भेंट

केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात करते सीएम

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को शास्त्री भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से सर्व शिक्षा अभियान, रमसा व मिड डे मील के अन्तर्गत केन्द्रांश की धनराशि उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य के विभिन्न स्कूलों के आधुनिकीकरण के साथ विद्यालयों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिये वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की।

केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री जावडेकर ने कहा कि उत्तराखण्ड को सर्व शिक्षा अभियान, रमसा व मिड डे मील योजनाओं के लिए एक सप्ताह में 80 करोड रूपये की धनराशि स्वीकृत करायी जायेगी, शेष धनराशि एक माह में उपलब्ध कराये जाने का आश्वासन केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार के पास शिक्षा के अधिकार के तहत उत्तराखण्ड पूंजी लंबित है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही आरटीई से संबंधित धनराशि उत्तराखंड को मुहैया करा दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नीतिगत मुद्दों पर भी उनकी केन्द्रीय मंत्री श्री जावडेकर से सकारात्मक चर्चा हुई है। उत्तराखंड में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है। राज्य में प्रत्येक 12 छात्रों पर एक शिक्षक हैं, लेकिन कठिन भौगोलिक स्थिति की वजह से शिक्षा के स्तर में और निवेश की राज्य को जरूरत है।

वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को केंद्रीय कानून एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से भेंट की। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि छोटे शहरों में बीपीओ खोले जाएं। हालांकि देहरादून में कॉल सेंटर खोले गए हैं, लेकिन उनकी कोशिश है कि उत्तराखण्ड सरकार से मिलकर उत्तराखंड की अन्य शहरों में भी बीपीओ के जरिए रोजगार के अवसर मुहैया कराये जाये। उन्होंने कहा कि आज के दौर में विकास में तकनीक बेहद उपयोगी है। उत्तराखण्ड की सभी क्षेत्रों में इंटरनेट और नेटवर्किंग होनी चाहिए, इस दिशा में केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रदेश का विकास करेंगे।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड का सत्तर प्रतिशत भू भाग वन संपदा से घिरा हुआ है। हालांकि यह विषय केंद्रीय कानून मंत्रालय से ज्यादा एनजीटी से जुड़ा हुआ है, लेकिन हमें मूलभूत ढांचे और पर्यटन के विकास के लिए वन क्षेत्रों में निर्माण कार्य की इजाजत मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में बैलून से नेटवर्किंग की सुविधा दिये जाने के प्रयास किये जा रहे है, इसके लिये उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आईआईटी मुंबई के साथ एमओयू किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम बैलून तकनीक के जरिए उत्तराखंड के ऐसे क्षेत्रों में भी मोबाइल नेटवर्क सुविधाएं दे पाएंगे, जहां अभी पहुंचना मुश्किल है। मुख्यमंत्री त्रवेंद्र ने अपेक्षा की कि केंद्र सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों के समान उत्तराखंड में भी विकास के समान अवसर दें। जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 100किलोमीटर के भीतर निर्माण कार्य में सहयोग दिया जाता है वैसा ही सहयोग हम केंद्र से चाहते हैं। इससे राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में सड़क, पानी, बिजली जैसी मूल भूत सुविधाओं के विकास में निश्चित रूप से तेजी आयेगी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश एवं अपर सचिव महेश चन्द्र कौशिवा भी उपस्थित थे।