सुसवा नदी की सफाई का अभियान आज से

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत भी करेंगे शिरकत 

देहरादून । पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत यू-टर्न फाउंडेशन ने स्वच्छ सुसवा अभियान में शामिल होने का निर्णय लिया है और कल सात मई को प्रातः आठ बजे यू टर्न फाउंडेशन के कार्यकर्ता इस अभियान में भाग लेंगें।

उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से आतचीत करते हुए यू टर्न फाउंडेशन के हेमंत कुमार ने कहा है कि सुसवा नदी एक समय में दून की शान थी और जैव विविधता का एक केन्द्र थी इस नदी की उत्पत्ति दक्षिणी शिवालिक श्रेणी, जो सहारनपुर व हरिद्वार जिलों से दूनघाटी को अलग करता है से होती है और एक बार बारहमासी रिस्पना सहित कई छोटी धाराओं से पानी एकत्रित करते हुए यह डोईवाला के लिए पश्चिम की ओर बहती है फिर यह चीला के जंगल से बहते हुए रायवाला में गंगा नदी के साथ संगम करती है।

उन्होंने कहा कि दून शहर दो बिन्दाल व रिस्पना नदियों के बीच बसता है और दून शहर के आर पार गुजरते हुए यह दो नदियां राजाजी नेशनल पार्क में रामगढ़ में सुसवा नदी से मिली है और सुसवा नदी में पहुंचने तक पूरे शहर की गंदगी भी यहां पहुंच जाती है, बिन्दाल व रिस्पना नदियों में फंसे कूड़े और मांस अंततः सुसवा नदी में बहते है स्पैक्स संस्था द्वारा लिये गये पानी के नमूनों से आश्चर्यजनक रिपोर्टे आई है जो काफी हानिकारक है। सुसवा नदी में पानी में व्रफोमियम, जस्ता, लोहा, सीसा, मैगनीज, तेल के कणों को अत्यधिक मात्रा में पाया गया है जो चिंता का विषय है।

उनका कहना है कि आज सुसवा नदी एक बहुत ही दयनीय और नाजुक स्थिति में पहुंच गई है और शहर भर की गंदगी का वह बोझ झेल रही है यह दून के पर्यावरण के लिए गंभीर संदेश है और आसपास दूधली गांव के लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है इससे संस्था ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कल सात मई को सुसवा नदी में व्यापक स्तर पर सफाई अभियान चलाया जायेगा। उनका कहना है कि इस अभियान के पहले चरण में सात मई से 14 मई तक नदी की सफाई का कार्य किया जायेगा और उम्मीद है कि इसमें स्थानीय निवासियों की भागीदारी के साथ स्वच्छ सुसवा एक हकीकत बन सकती है जो गंगा सफाई में दून का योगदान होगा। उनका कहना है कि दून की प्रदूषित होती नदियों के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जायेगा और इसके लिए जनता को भी जोड़ने का काम किया जायेगा। इस अवसर पर वार्ता में अमित रावत आदि मौजूद थे।