त्रिवेन्द्र कैबिनेट ने दीपावली से पूर्व कर दी धन की वर्षा

0
889
  • यावत जीवेत सुखम जीवेत ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत

देहरादून :  ”यावत जीवेत सुखम जीवेत ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत” सूबे की सरकार भले ही विकास कार्यों के लिए धन की कमी का रोना रोती रहती है लेकिन चारवाक ऋषि के इस कथन पर अमल करती नजार आ रही है , कर्मचारियों और अधिकारियों पर वह उधार लेकर घी पीने की स्थिति में नज़र आ रही है। उसे न राज्य के विकास कार्यों की चिंता है और न राज्य की बदहाल हो चुकी आर्थिक स्थिति की। वह कर्मचारियों और अधिकारियों पर मुक्त हाथ पैसा लुटाने को हरवक्त तैयार नज़र आती है इतने की बाद भी कर्मचारी और अधिकारियों की पैसे की हवस पूरी होती नज़र नहीं आ रही है। गुरुवार को  त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने दो लाख राजकीय कर्मियों को दीवाली का बड़ा गिफ्ट दिया है या यूँ कहें उनपर धन वर्षा कर दी है तो वहीँ  त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रधान और उपप्रधान का सहित जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय भी बढ़ा दिया गया है। 

कैबिनेट बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता व काबिना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि जहाँ पहले  प्रधान को  750 रुपये मानदेय मिलता था अब 1500 दिया जायेगा। इसी तरह उपप्रधान का मानदेय 350 रुपये से 500 किया गया है ।जबकि कैबिनेट ने  जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 5000 रुपये से 10000 रुपये कर दिया है। वहीँ पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 3000 रुपये से 5000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया जिला पंचायत सदस्य का प्रति बैठक मानदेय 400 रुपये से 1000 रुपये कर  दिया गया है। तो वहीँ ब्लॉक प्रमुख का मानदेय 4000 रुपये से 6000 रुपये करने की स्वीकृति दे दी गयी है । जबकि अब उप ब्लॉक प्रमुख को मानदेय के रूप में पहले 625 रुपये कि जगह अब 1500 रुपये मिलेंगे। वहीँ बीडीसी सदस्य को अब प्रति बैठक 500 रुपये मिला करेंगे।वहीँ राज्य कैबिनेट ने  दो लाख राजकीय कर्मचारियों को दीवाली गिफ्ट देते हुए को एरियर और डीए का तोहफा दिया है।

उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत सरकार ने 50 प्रतिशत एरियर की पहली किश्त मंजूर कर ली है। पहली किश्त के तहत कर्मचारियों को एरियर एक जनवरी 2016 से दिसंबर 2016 तक दिया जाएगा। इससे राज्य पर 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा।उन्होंने बताया कि इसके अलावा राज्य कर्मियों को जुलाई 2017 से महंगाई भत्ता भी एक प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस फैसले से खजाने पर 12 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

कैबिनेट के अन्य फैसलों में  रोडवेज और सिडकुल कर्मियों को 7वां वेतनमान,बच्चा गोद लेने पर भी माता को 180 दिन की छुट्टी, वहीँ 2378 ग्राम पंचायतों के लेख परीक्षक के कर्मचारियों को ऑडिट के लिए संविदा पर रखे जाने का निर्णय। राज्य में इमारती लकड़ी हुई महंगी हो जाएगी लकड़ी में 50 रूपये प्रति टन होगी मंहगी।