माँ के साथ ननिहाल आये भाई-बहन अलकनंदा में बहे

0
615

मां के साथ ननिहाल निरवाली आये थे दोनों

रुद्रप्रयाग । बद्रीनाथ हाईवे से सटे शिवानंदी के निकट निरवाली गांव में अपने ननिहाल आये दो सगे भाई-बहिन अलकनंदा नदी में बह गये। नदी में काफी खोजबीन के बाद भी भाई-बहिन का पता नहीं चल पाया है। अलकनंदा नदी में सर्च अभियान के लिये पांच टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें देर सांय तक जगह-जगह सर्च अभियान चलाती रही, लेकिन इसके बावजूद भी सफलता नहीं मिल पाई। सोमवार को भी सर्च अभियान जारी रहेगा।

पुलिस के मुताबिक रविवार को पूर्वाह्न पौने बारह बजे साहिल (16) पुत्र जगदीश प्रसाद सेमवाल, उसकी बहन सावली (13) और गांव के दो अन्य बच्चे स्नेहा (12) व अभिनव (10) गांव से नीचे अलकनंदा नदी किनारे पहुंचे। यहां सेल्फी लेन के बाद वे मोबाइल से एक-दूसरे के फोटो खिंचवाने लगे। साहिल और उसकी बहन फोटो खिंचवाने के लिए एक पत्थर पर खड़े हो गए। इसी बीच साहिल का पैर फिसला और वह नदी में जा गिरा।

भाई को नदी में बहता देख उसे बचाने के लिए सावली भी नदी में छलांग लगा दी। दोनों बच्चे तेज बहाव में बह गए। घटना से उनके साथ गए दोनों बच्चे स्नेहा और उसके भाई घबरा गए। उन्होंने तुरंत गांव पहुंचकर घटना की जानकारी उनके परिजनों को दी। घटना की सूचना मिलते ही बच्चों की मां बेसुध हो गई।

नदी में सर्च अभियान के लिये कोतवाली पुलिस, एसडीएआरएफ, फायर सर्विस, घोलतीर पुलिस चौकी टीम के अधिकारी-कर्मचारी और जवान लगे रहे, लेकिन दोनों भाई-बहिनों का कही कुछ पता नहीं चल पाया। उक्त टीमों द्वारा अलकनंदा नदी में रतूड़ा, सुमेरपु, कोटेश्वर, संगम, जवाड़ी बाईपास आदि तक दोनों बच्चों की खोजबीन की गई। बाद में गौचर आईटीबीपी के जवान भी अलकनंदा नदी में अलग-अलग टुकड़ों में सर्च अभियान चलाते रहे। देर सांय तक दोनों बच्चों का कही कुछ पता नहीं चल पाया।

पुलिस उपाधीक्षक श्रीधर प्रसाद बड़ोला ने बताया कि दोनों बच्चे अपने ननिहाल निरवाली आये हुये थे। बच्चों में नदी में डूबने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जिस स्थान से बच्चे बहे हैं, वहां पर साहिल के कुछ कपड़े मिले हैं। बताया जा रहा है कि भाई के बचाने के चक्करों में बहिन भी नदी में बह गई। उन्होंने कहा कि गोताखोरों की टीम मंगाई गई है। सोमवार को भी सर्च अभियान जारी रहेगा।

बच्चों के पिता आईटीबीपी गौचर में तैनात हैं। वे घटनास्थल पर पहुंचते ही बेहोश हो गए। उन्हें आईटीबीपी के जवानों ने घर तक पहुंचाया। घटना के बाद से बच्चों की मां भी बेहोश पड़ी है। बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे अपनी मां के साथ चार दिन पूर्व पूर्व निरवाली गांव पहुंचे थे। दो दिन पूर्व उनकी बुआ अपनी दवा लेने के लिए देहरादून गई थी। उन्हें रविवार को लौटना था। इसके बाद बच्चों को गौचर जाना था। दोनों बच्चे आईटीबीपी गौचर स्कूल में कक्षा आठवीं और नौवीं में पढ़ते हैं।