देवस्थलों की यात्रा से लौट रही बोलेरो खाई में गिरी, सात लोगों की मौत

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त्यूणी,(देहरादून): हिमाचल से  देवस्थलों के दर्शन कर बीती देर रात को लौट रही बोलेरो कार जेपीआरआर हाईवे पर गुमा के पास अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। हादसे में हिमाचल निवासी छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर घायल एक अन्य व्यक्ति ने नेरुवा अस्पताल में दम तोड़ दिया।

हादसे में वाहन सवार पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में छह लोग एक ही परिवार के हैं। नेरुवा पुलिस ने पंचनामा भर पोस्टमार्टम के बाद सभी शव परिजनों को सौंप दिए। सोमवार शाम को पैतृक गांव शावड़ी के पास सभी शवों का सामूहिक दाह संस्कार किया गया। घटना के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
जानकारी के अनुसार, जिला सिरमौर-हिमाचल के शावड़ी गांव निवासी कल्याण सिंह बीते शनिवार को बोलेरो कार में सवार होकर अपने पूरे परिवार के साथ देवस्थलों की यात्रा पर निकले थे। हिमाचल के चूड़धार, शिलगुर देवता के दर्शन के बाद बीते रविवार को वे परिवार सहित हिमाचल के जनोग स्थित चालदा महासू मंदिर, जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल व हिमाचल के हाटकोटी मंदिर के दर्शन कर वापस घर लौट रहे थे।

इस दौरान हिमाचल व उत्तराखंड दो पर्वतीय राज्य को जोड़ने वाले जगाद्री-पांवटा-राजबन-रोहडू हाइवे पर गुमा से एक किमी पहले बोलेरो कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में वाहन सवार संदी देवी (46 वर्ष)पत्नी कल्याण सिंह, सुषमा(28 वर्ष), निशा(25 वर्ष) व रविना(21 वर्ष) तीनों बहनें पुत्रीगण कल्याण सिंह, कैलाश (23 वर्ष) पुत्र कल्याण सिंह निवासी शावड़ी-सिरमौर हिमाचल व शिवानी (16 वर्ष) पुत्री कंवर सिंह निवासी कांटी-मशौह हिमाचल समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर घायल गुलाब सिंह(45 वर्ष) पुत्र मोतीराम निवासी शावड़ी-सिरमौर ने नेरुवा अस्पताल में दम तोड़ा।

हादसे में वाहन सवार कल्याण सिंह और उसके पुत्र कपिल, बहू डिंपल, साक्षी पुत्री रणजीत निवासीगण शावड़ी व रविना पुत्री खजान सिंह निवासी पंजार-सिरमौर समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना देर रात की बताई जा रही है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची नेरुवा पुलिस-प्रशासन टीम ने ग्रामीणों के साथ रेस्क्यू कर खाई में फंसे सभी घायलों को किसी बाहर निकाल नेरुवा अस्पताल पहुंचाया।

घायलों में चार की हालत नाजुक होने पर उन्हें हायर सेंटर शिमला रेफर किया गया। जबकि सामान्य घायल कपिल को प्राथमिक उपचार के बाद नेरुवा अस्पताल से छ़ट्टी दे दी गई। नायब तहसीलदार नेरुवा मोहिराम चौहान ने पंचनामा भर पोस्ट मार्टम के बाद सभी शव परिजनों को सौंप दिए। सोमवार शाम को सभी शवों का शावड़ी गांव के पास सामूहिक दाह संस्कार किया गया। नेरुवा पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच पड़ताल शुरु कर दी है।

बता दें जिस जगह ये हादसा हुआ उसी के पास बीते 18 अक्टूबर को विकासनगर से त्यूणी-केराड़ जा रही एक निजी बस दुर्घटनासग्रस्त होने से 45 लोगों की मौत हो गई थी। नेरुवा पुलिस गुमा बस हादसे के कारणों की जांच पड़ताल कर रही है। घटना के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

स्टेयरिंग फेल होने से सड़क से लुड़की बस 32 यात्री बाल-बाल बचे 

कोटद्वार :  पोखड़ा ब्लाक के अंतर्गत रीठाखाल के समीप उस वक्त बड़ा हादसा टल गया, जब सवारियों से भरी जीएमओयू की एक बस अनियंत्रित होकर खाई की ओर लटक गई। प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद से किसी तरह यात्रियों को बस से सुरक्षित बाहर निकाल। अन्य वाहनों के जरिए गंतव्य को रवाना किया। 

जानकारी के अनुसार, जीएमओयू बस (यूके12 टीबी 0082) आज वीरोंखाल ब्लाक के अंतर्गत सैंधार से सवारियां लेकर कोटद्वार की ओर आ रही थी। बस में चालक-परिचालक सहित 30 सवारियां मौजूद थी। रीठाखाल के समीप अचानक बस अनियंत्रित होकर खाई की ओर बढ़ गई। प्रत्यक्षदशियों की माने तो चालक ने बस का स्टेयरिंग मोड़ने के कई प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। 

सौभाग्य यह रहा कि बस के अगले टायर सड़क से उतर गए, लेकिन पिछला हिस्सा सड़क किनारे पुश्ते पर अटक गया। बस के खाई की ओर लटकते ही बस में हाहाकार मच गया और यात्रियों में बस से बाहर निकलने की होड़ मच गई। कुछ यात्रियों ने तमाम यात्रियों को धैर्य बंधाते हुए धीरे-धीरे बस से उतरने का आग्रह किया। 

इस बीच आसपास के गांवों के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए व ग्रामीणों की मदद से तमाम यात्री सुरक्षित बस से बाहर निकल गए। बाद में क्रेन की मदद से बस को सड़क पर लाया गया। चालक ने बताया कि बस का स्टेयरिंग फेल होने के कारण हादसा हुआ।