सत्र का बहिष्कार कर भाजपा ने किया जनभावनाओं को अपमानः सीएम 

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भाजपा की प्रवृति हिट एण्ड रन की पुनरावृत्ति

[box type=”shadow” align=”alignright” ]सीएम के केदारनाथ विस क्षेत्रा से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया                           भराड़ीसैण । केदारनाथ के प्रधानों, बीडीसी मैम्बरों, प्रमुखों, व्यापार मंडलों, नगर पंचायत अध्यक्षों ने एक पत्र सौपते हुए मुख्यमंत्री  हरीश रावत को केदारनाथ से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया। शुक्रवार को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्रान्तगर्त आने वाले ग्राम प्रधानो, व्यापरियों, नगर पंचायत सभासदों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम हरीश रावत ने मिला। उन्होंने सीएम को एक पत्र सौपते हुए केदारनाथ विधासभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया। उन्होंने पत्र में आपदा के बाद सीएम हरीश रावत द्वारा केदारनाथ में किये गये कार्यो की सराहना की है । [/box]

गैरसैण । मुख्यमंत्राी हरीश रावत ने पत्राकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विपक्षी दल भाजपा ने सदन का बहिष्कार कर प्रदेश व गैरसैंण की जनभावनाओं को अपमान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा गैरसैण में हुए सत्र के दौरान तीन बार राजनैतिक प्रपंच कर चुकी है। भाजपा ने तीनों बार सत्र चलने नहीं दिया। जिसके कारण सरकार सत्र के दौरान कोई भी रचनात्मक फैसला नहीं ले पाई। इसी से भाजपा की गंभीरता परिलक्षित होती है।

उन्होंने कहा कि भराड़ीसैण में सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के लगभग सभी सदस्य मौजूद रहे लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों की उपस्थिति बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि जिस समय भाजपा ने सदन का बहिष्कार किया तो सदन में भाजपा के केवल सात  सदस्य मौजूद थे। मुख्यमंत्री  ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जिस नियम के अन्तगर्त चर्चा करना चहती थी वह सरकार के सैसर के खिलाफ है। अगर भाजपा को चर्चा ही करानी होती तो किसी भी नियम में करा सकती थी। उन्होंने कहा कि भाजपा गैरसैण का भला नहीं चाहती है यहां केवल पहली वाली प्रवृति हिट एण्ड रन की पुनरावृत्ति कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार गैरसैण को लेकर एक निश्चित रोड मैप पर काम कर रही है। बहुत काम हो चुके हैं और अभी बहुत काम करना जरूरी है। अवस्थापना सुविधा के बगैर राजधानी के क्या मायने हैं। इसी के लिए बजट मांगने के लिए सरकार गैरसैण में आयी है। जिससे की अवस्थापना सुविधओं को विकास हो सके। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों को कोई भी ऐसा काम गैरसैण में नहीं करना चाहिए जो कि राज्य की भावनात्मक एकता के खिलाफ हो।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कांग्रेस गैरसैण में किये गये कार्यो का राजनैतिक लाभ नहीं उठायेगी। गैरसैण ने राजनीति के चलते बहुत कुछ खोया है। किसी ने गैरसैण में मूर्ति लगाने की राजनीति की तो किसी ने शिक्षा विभाग का कार्यालय खोल दिया और जैसे ही चुनाव खत्म हुए तो कार्यालय गायब। मुख्यमंत्री  ने कहा कि अगर वर्ष 2000 में टांट के बोरे में भी राजधनी शुरू की जाती तो अब तक वह खड़ी हो चुकी होती लेकिन वर्ष 2000 में राजनैतिक कारणों के चलते राजधानी के निर्णय को रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखण्ड की जनता को सावधान करना चाहता हूँ  कि राजनैतिक ताकतें फिर से गैरसैण के मामले को उलझाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जल्द की गैरसैण में सचिवालय का शिलान्यास भी होगा । उन्होंने कहा कि गैरसैण को पूरे प्रदेश से मार्ग से जोड़ने के लिए गैरसैण सड़क अवस्थापना निगम की स्थापना की जायेगी। जिससे गैरसैण को जोड़ने के लिए अलग-अलग सात  मार्गो से जोड़ा जायेगा।