जागर गायन को पहुंचान दिलाने वाली बसंती को पद्म सम्मान

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सरकार ने किया पद्म पुरस्‍कार विजेताओं का ऐलान; बसंती बिष्ट सहित  विराट कोहली, कैलाश खेर, संजीव कपूर को मिलेगा पद्मश्री

देहरादून :   पहाड़ के घर-घर में गाए जाने वाले मां भगवती नंदा के जागरों को देश-विदेश तक पहुंचाने वाली बसंती बिष्ट को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। जागर को दुनियाभर में पहचान दिलाने वाली बसंती बिष्ट नाम प्रदेश की पहली प्रोफेशनल महिला जागर गायिका होने का भी रिकॉर्ड है। घर की दहलीज लांघकर दुनियाभर के मंचों पर मां नंदा के जागरों की जीवंत प्रस्तुति देने वाली बसंती बिष्ट न केवल उत्तराखंडी लोक संस्कृति का चेहरा हैं बल्कि, महिला सशक्तिकरण की पहचान भी हैं।

-अलग अवसरों पर इन जागरों को गाने की परंपरा है। हर 12 वर्ष में उनकी मायके कैलास विदाई को नंदा देवी राज जात यात्रा के रूप में भव्य स्तर पर आयोजित किया जाता है। बसंती बिष्ट ने इन्हीं पारंपरिक जागरों को मूल स्वरूप बदले बिना ना केवल बेहतर बनाया बल्कि उसे पूरी दुनियाभर में प्रचारित और प्रसारित भी किया।

विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए इस साल देश की 89 हस्तियों को पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया है जिनमें पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए दिग्गज गायक के जे यसुदास, आध्यात्म के क्षेत्र में सद्गुरु जग्गी वसुदेव, सार्वजनिक क्षेत्र में योगदान के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के नाम हैं। गृह मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पद्म विभूषण के लिए नामित अन्य हस्तियों में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रो. उडिपी रामचंद्रराव, सार्वजनिक क्षेत्र में योगदान के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुंदरलाल पटवा (मरणोपरांत) और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा (मरणोपरांत) को चुना गया।

पद्भभूषण के लिए सात हस्तियों को चुना गया है जिनमें कला एवं संगीत के क्षेत्र में विश्वमोहन भ्टट, साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रो. डाक्टर देवी प्रसाद, चिकित्सा के क्षेत्र में तेहेम्टॉन उडवाडिया, अध्यात्म के क्षेत्र में रत्न सुंदर महाराज, योग के क्षेत्र में स्वामी निरंजन नंदा, साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में थाईलैंड की राजकुमारी महा चकरी सिरिनधोर्न और सी रामास्वामी (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं। इस साल पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में ओलंपिक खिलाड़ी दीपा कर्माकर का नाम भी शामिल है। पद्मश्री पुरस्कार की ‘चर्चा से दूर रहने वाले’ विजेताओं में ‘डॉक्टर दादी’ के नाम से मशहूर इंदौर की भक्ति यादव, एड्स कार्यकर्ता सुनीति सोलोमन का नाम शामिल है। पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाईक और पैरालंपिक खिलाड़ी मरियप्पन थंगावेलु का नाम भी है। पद्मश्री पुरस्कार के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को भी नामित किया गया है।

पद्म श्री पुरस्कारों के लिए नामित हस्तियों में कला एवं संगीत के क्षेत्र में बसंती बिष्ट, टी के मूर्ति, एल वीरेन्द्र कुमार सिंह, कृष्ण राम चौधरी, जितेन्द्र हरिपाल, कैलाश खेर, परासाला बी पोन्नामल, सुकरी बोम्मागौड़ा, मुकुंद नायक, पुरूषोत्तम उपाध्याय, अनुराधा पौडवाल, कला एवं नृत्य के क्षेत्र में सी कुन्हीरमन नायर, अरूणा मोहंती, कला एवं सिनेमा के क्षेत्र में भारती विष्णुवर्द्धन, सादु मेहर, कला एवं चित्रकारी के क्षेत्र में बाओआ देवी, तिलक जिताई, कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में प्रो. एइक्का यदागिरि राव, कला एवं थियेटर के क्षेत्र में वारेप्पा नाबा नील को चुना गया है। लोक सेवा के क्षेत्र में त्रिपुरानेनी हनुमन चौधरी, टी के विश्वनाथन, कंवल सिब्बल को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।

खेल के क्षेत्र में भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली समेत आठ खिलाड़ियों को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिए नामित किया गया है। कोहली के अलावा यह पुरस्कार पाने वाले सात अन्य खिलाड़ियों में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक, परालम्पियन मरियाप्पन थंगावेलू और दीपा मलिक, जिम्नास्ट दीपा करमाकर, भारतीय हाकी कप्तान पी आर श्रीजेश, चक्काफेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा और दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाईक शामिल हैं। कोहली ने हाल ही में तीनों प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली है। साक्षी मलिक ने महिलाओं की 58 किलो कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। थंगावेलू और दीपा मलिक ने रियो परालम्पिक में पुरुषों की ऊंचीकूद टी 42 और महिलाओं की शाटपुट एफ 53 वर्ग में स्वर्ण और रजत पदक जीते थे।

दीपा रियो ओलंपिक में महिलाओं की वोल्ट जिम्नास्टिक स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही जबकि श्रीजेश ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे। गौड़ा ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार के लिए बिरखा बहादुर लिम्बो मुरिंगला, इली अहमद, डा. नरेन्द्र कोहली,, प्रो. जी वेंकट सुबैया, एक्किथम अच्यूतन नम्बूदरी, काशी नाथ पंडिता, चामू कृष्णा शास्त्री, हरिहर कृपालु त्रिपाठी, मिशेल दानिनो, पुनम सूरी, बी जी पटेल, वी कोटेश्वराम्मा को चुना गया। साहित्य, शिक्षा एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार के लिए बलवीर दत्त, भावना सोमैया और विष्णु पांड्या को चुना गया। चिकित्सा के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए डा. सुब्रोतो दास, डा. भक्ति यादव, डा. मोहम्मद अब्दुल वाहीद, डा. मदन माधव गोडबोले, डा. देवेन्द्र दयाभाई पटेल, प्रो. हरिकिशन सिंह, डा. मुकुट मिंज चुने गए हैं।

व्यंजन के क्षेत्र में संजीव कपूर, मार्शल आर्ट्स के क्षेत्र में मीनाक्षी अम्मा, कृषि के क्षेत्र में गेनाभाई दरगाभाई पटेल को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए चंद्रकांत पिठावा, प्रो. अजय कुमार रे, चिंताकिंडी मालेशान, जितेन्द्र नाथ गोस्वामी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। सामाजिक कार्य के क्षेत्र में योगदान के लिए दारिपल्ली रामैया, गिरीश भारद्वाज, करिमुल हक, विपिन गनात्रा, निवेदिता रघुनाथ भिडे, अप्पासाहेग धर्माधिकारी, बाबा बलवीर सिंह सिचावाल को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।

 कारोबार एवं उद्योग के क्षेत्र में योगदान के लिए मोहन रेड्डी वेंकटरामा बोदनापु, कला एवं संगीत के क्षेत्र में अमेरिकी एनआरआई इमरत खान, साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी एनआरआई अनंत अग्रवाल और साहित्य, शिक्षा एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए अमेरिकी एनआरआई एच आर शाह को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। चिकित्सा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार के लिए सुनीति सोलोमन को मरणोपरांत चुना गया जबकि पुरातत्व के क्षेत्र में योगदान के लिए अशोक कुमार भट्टाचार्य (मरणोपरांत) तथा सामाजिक क्षेत्र में योगदान के लिए डॉ. मापुस्कार (मरणोपरांत) और अनुराधा कोईराला (नेपाल) को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।