तो इस रोड के बनने से हो जाएगी बद्रीनाथ की दूरी हो जाएगी 22 किमी कम

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हेलंग मारवाड़ी बाइपास से जोशीमठ का हो जायेगा व्यापार चौपट!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

जोशीमठ : हेलंग मारवाड़ी विष्णुप्रयाग बाइपास को लेकर चल रही बहसबाजी पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने वीराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि यात्राकाल में जोशीमठ पर यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए बाइपास की आवश्यकता बहुत जरुरी हो गयी है।  मंत्रालय ने इसके लिए हेलंग-अणिमठ  -मारवाड़ी तक 5.85 किमी निर्माण को हरी झंडी दे दी है।

गौरतलब हो कि इस मार्ग निर्माण के  लिए प्रशासन ने पहले ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई कर दी थी। अब इस मार्ग के अस्तित्व में आने के बाद हेलंग से बदरीनाथ की दूरी 22 किमी कम हो जाएगी और जोशीमठ तक पहुँचने के लिए चढ़ाई और जोशीमठ ने मारवाड़ी तक की ढलान से भी वाहन चालकों को निज़ात मिल जाएगी।

उल्लेखनीय है कि हेलंग से मारवाड़ी तक सड़क निर्माण 1980 के दशक में शुरू हो गया था और मारवाड़ी -विष्णुप्रयाग तक इसके लिए सड़क की कटिंग भी पूरी हो चुकी थी। हालांकि तत्कालीन समय में विष्णुप्रयाग परियोजना के निर्माण होने से पूर्व  इस सड़क की जरूरत महसूस की गई थी लेकिन तब भारी जनविरोध के चलते सड़क निर्माण का कार्य बंद कर दिया था। जोशीमठ के लोगों ने सड़क का विरोध इसलिए किया क्योंकि उन्हें इस बात की चिंता सता रही थी कि लोग बदरीनाथ की यात्रा पर आवाजाही बाइपास से ही करेंगे। ऐसे में जोशीमठ बाजार का व्यवसाय चौपट हो जायेगा। वहीं कालांतर में ऑलवेदर रोड के सर्वे के दौरान भी जोशीमठ के लोगों ने इस बाइपास के निर्माण का एक बार फिर खुलकर विरोध किया।

हेलंग मारवाड़ी विष्णुप्रयाग बाइपास अस्तित्व में न आये इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी जनता के साथ मिलकर बाइपास के विरोध में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री तक गुहार लगाई थी। तब ऐसा लगा था कि शायद हेलंग मारवाड़ी प्रस्तावित बाइपास को लेकर पुनर्विचार हो, लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय ने जन उपयोगिता को देखते हुए इस बाइपास को हरी झंडी दे दी है। बाइपास के निर्माण को लेकर सूचना अधिकार में मिली जानकारी में भी निर्माण को लेकर अंतिम निर्णय केंद्रीय सड़क मंत्रालय से मिली है। जोशीमठ के लोगों का प्रस्ताव था कि जोशीमठ नगर के बाहर ही बाहर अगर बाइपास निर्माण होता है तो इसका फायदा नगर को होता।

हालांकि वर्तमान में हेलंग से जोशीमठ होते हुए मारवाड़ी तक सड़क की दूरी लगभग 22 किमी है। ऐसे में हेलंग से मारवाड़ी तक मात्र 5.85 किमी दूरी तय कर आवाजाही की जा सकती है। इस बाइपास का विरोध कर रहे पैनखंडा विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र सती का कहना है कि सूचना अधिकार में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से हेलंग मारवाड़ी बाइपास की अंतिम स्वीकृति को लेकर जानकारी दी गई है। जो जोशीमठ के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा रहा है और इस मार्ग के अस्तित्व में आने से जोशीमठ का व्यापार चौपट हो जायेगा।