बद्री-केदार मंदिर समिति के CEO और पूर्व मुख्य पुजारी पर छेड़छाड़ का आरोप

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पहले भी लग चुके हैं रावल पर ऐसे आरोप

गोपेश्‍वर : महाराष्ट्र की एक महिला ने बद्रीनाथ मंदिर के पूर्व पुजारी और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। चमोली की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट ने पीटीआई को बताया कि मुंबई की एक साध्वी ने आरोप लगाया है कि पुजारी विष्णु प्रसाद नंबूदिरी और सीईओ बी डी शर्मा ने उसके साथ जून में तब छेड़छाड़ की थी जब वह प्रख्यात मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए बद्रीनाथ गई थी।

एस पी ने बताया कि दोनों के खिलाफ भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है। तृप्ति ने बताया कि साध्वी ने दोनों पर धमकी देने तथा मुंबई में उसकी संपत्ति हड़पने का प्रयास करने तथा पिछले कुछ साल के दौरान उसके परिवार के पांच सदस्यों की रहस्यमय परिस्थितियों में गुमशुदगी में उनकी कथित भूमिका होने का आरोप लगाया है।

उन्होंने बताया कि इस आरोप की जांच करने के लिए एक दल मुंबई भेजा गया है कि क्या दोनों ने साध्वी की संपत्ति हड़पने की कोशिश की। बद्रीनाथ के पुजारी पर पहले भी इस तरह के आरोप लगाए जा चुके हैं।बद्रीनाथ केशव प्रसाद नंबूदिरी के पूर्व प्रमुख पुजारी को फरवरी 2014 में गिरफ्तार किया गया था। तब उन पर एक महिला ने दिल्ली में एक होटल में नशे की हालत में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।

पूर्व रावल इस वक्त कुन्नूर (केरल) में हैं और वह 1992 से 2002 तक बदरीनाथ के रावल थे। चमोली की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने बताया कि साध्वी ने बदरीनाथ थाने में तहरीर दी थी। इस आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। तहरीर में साध्वी ने कहा है कि वह संन्यासी है और 1980 से 1994 तक प्रतिवर्ष बदरीनाथ की यात्रा करती थीं। आरोप है कि इस दौरान विष्णु प्रसाद नंबूदरी उनसे छेड़छाड़ करता था। उसने कई बार विवाह का प्रस्ताव भी रखा, लेकिन संन्यासी होने के कारण उन्होंने इन्कार कर दिया। इतना ही नही, साध्वी ने उन पर संपत्ति पर कब्जे के प्रयास का आरोप भी लगाया है। साध्वी का कहना है कि इस बारे में उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत कर मामले में कार्रवाई  की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वर्ष 2014 में बदरीनाथ धाम के तत्कालीन रावल केशव प्रसाद नंबूदरी पर भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं। तब एक महिला व्यवसायी ने उन पर दिल्ली के एक होटल में छेड़छाड़ का आरोप लगाए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति ने उन्हें रावल पद से हटा दिया था।