50 पार कर रहे कामचोर और भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बुरी खबर !

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  • कार्यक्षमता और जनहित सेवाओं पर हीला हवाली की तो नौकरी से बाहर
  • उत्तराखंड में सचिवालय से होगा सफाई अभियान शुरू 
  • सभी श्रेणियों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन

देहरादून : प्रधानमंत्री मोदी का सरकारी विभागों में कार्यक्षमता जांचने का फार्मूला उत्तराखंड में भी लागू किया जाने वाला है।मोदी के इस फार्मूले के लागू होने के बाद राज्य सरकार ने 50 की उम्र पार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर स्वेच्छिक सेवा निवृति के बजाय अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार लटक गई है। पहले चरण में राज्य सरकार प्रथम श्रेणी से लेकर समूह घ तक के उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज का आकलन करेगी जो सचिवालय में कार्यरत हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन आनंद बर्द्धन द्वारा इस सम्बन्ध में बीते दिन यह शासनादेश भी जारी कर दिया है। शासनादेश के अनुसार सरकारी आकलन के बाद जो अधिकारी या कर्मचारी सरकार की कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति देकर सरकारी सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य शासन ने सचिवालय में कार्यरत सभी श्रेणियों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन भी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार कि तर्ज पर राज्य सरकार ने भी अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए 50 साल की आयु पूरी करने वाले को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया है। इससे पहले बीती 6 जुलाई 2017 को मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए सभी विभागों को स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने के आदेश जारी किए थे। मुख्यसचिव के इन आदेशों का सबसे पहले सचिवालय प्रशासन विभाग ने अनुपालन ही नहीं किया बल्कि इसपर काम भी करना शुरू कर दिया है।

सचिवालय प्रशासन ने मुख्य सचिव के आदेश के अनुपालन में सचिवालय के कार्मिकों की सेवाओं और कामकाज का आकलन करने के लिए पदों की श्रेणी के हिसाब से स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है । यह कमेटी कर्मचारियों के काम करने में रुचि, जनहित की सेवाओं का आकलन कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की संस्तुति देगी। श्रेणी ‘क’, ‘ख’ के अधिकारियों के लिए बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन बनाये गए हैं।

वहीँ प्रमुख सचिव कार्मिक की ओर से नामित अधिकारी व संबंधित विभाग का काम देख रहे अपर सचिव इस कमेटी के सदस्य होंगे। इसी तरह श्रेणी ‘ग’ कार्मिकों के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष अपर सचिव सचिवालय प्रशासन को बनाया गया है । जबकि संयुक्त सचिव कार्मिक व संयुक्त सचिव इस कमेटी के अधिष्ठान सदस्य होंगे। श्रेणी ‘घ’ के कार्मिकों की कमेटी में प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन अध्यक्ष, उप सचिव व अनुभाग अधिकारी सदस्य नामित किए गए हैं।

आदेश के अनुसार अब सभी विभागों की ओर से हर साल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी और बैठक में 50 साल आयु वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाओं व कार्यप्रणाली की बारीकी से आकलन किया जाएगा। इस दौरान यह परखा जाएगा कि अधिकारी व कार्मिक अपने दायित्वों के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं अथवा नहीं तो सदस्यों की आख्या पर सरकार स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति कर देगी।

सरकार के इस आदेश से यह साफ़ है कि अब अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने सेवाकाल से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति से बचने के लिए अपनी कार्यप्रणाली में व्यापक रूप से सुधार के साथ तेजी भी लानी होगी। अन्यथा सरकार कार्य के प्रति लापरवाही व सुस्ती बरतने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर सरकारी सेवा से बाहर तक कर सकेगी ।