विधानसभा सत्र चार दिन में 16 घंटे 17 मिनट चला

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  • -व्यवधान के कारण सदन एक बार भी स्थगित नहीं हुआ
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि 04 दिन का विधान सभा सत्र बिना बाधा के शांतिपूवर्क सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि 16 घण्टे 17 मिनट चलने वाले सदन के दौरान व्यवधान के कारण सदन एक बार भी स्थगित नहीं हुआ।
  अपने कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि नियम 300 के अन्तर्गत 70 सूचनाऐं प्राप्त हुई जिसमें से 11 स्वीकृत एवं 25 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए रखी गयी। नियम 53 के अन्तर्गत 38 सूचनाओं में से 4 स्वीकृत एवं 12 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गयी। नियम 58 के अन्तर्गत 18 सूचनाओं में 10 सूचनाऐं स्वीकृत की गयी। श्री अग्रवाल ने बताया कि सदन में 01 सरकारी संकल्प, 05 असरकारी संकल्प, नियम 105 के अन्तर्गत 03 प्रस्ताव एवं 121 याचिकाओं में से 25 स्वीकृत याचिकाएं सदन के पटल पर रखी गयी। श्री अग्रवाल ने बताया कि इस सत्र के दौरान  विनियोग विधेयक के साथ उतराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950)(अनुकूलन एवं उपांतरन आदेश 2001) (संशोधन) विधेयक 2018 एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2018 सदन के पटल से पारित हुए। श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 के शीतकालीन सत्र में कुल 360 प्रश्न प्राप्त हुए जिसमें 80 तारांकित प्रश्नों में 23 उत्तरित हुए, 240 अतारांकित प्रश्नों में 48 उत्तरित हुए, 11 अल्प सूचित प्रश्नों में 03 अल्पसूचित प्रश्न उत्तरित किये गये। श्री अग्रवाल ने बताया कि शीतकालीन सत्र में 5, 6 एवं 7 दिसंबर को सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदन में आए सभी तारांकित प्रश्नों को उत्तरित किया गया । अध्यक्ष रहते हुए 7 बार ऐसा हुआ है कि सदन के पटल पर रखे गए सभी तारांकित प्रश्नों को प्रश्नकाल के दौरान निर्धारित समय अवधि उत्तरित कराया गया। 04 दिन चले विधान सभा सत्र के दौरान विधान सभा अध्यक्ष की पीठ से दिये गये विनिश्चयों में राज्य में जिला विकास प्राधिकरण के गठन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय भवन बनाने में जनता को हो रही कठिनाई के संबंध में नए सिरे से जाँच कराकर नियमानुसार एवं व्यावहारिकता को देखते हुए सरकार को समाधान के निर्देश दिए। नियम 300 के अंतर्गत ग्राह्यय सूचनाओं का उत्तर निश्चित समय में न दिये जाने के संबंध में सरकार को जनहित के सभी लंबित प्रकरणों पर शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए।