अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख सहित कई गिरफ्तार

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नयी दिल्ली  :  देश की सुरक्षा से जुड़े उच्च पदों पर पहुंचने की प्रक्रिया पर अगर नजर दौड़ाई जाय तो बहुत सारा काले धब्बों वाला इतिहास दीखने को मिलेगा। सेना में ऐसे लोग उच्च पदों पर पहुँच जाते हैं जिनके लिए वे अयोग्य हो कर भी राजनीतिक पकड़ और अन्य जान पहचान के माध्यमो से वहां अपनी जगह बना लेते हैं। अब सर्विस सिलेक्शन बोर्ड की चयन प्रक्रिया पर खुलम खुल्ला प्रश्न चिन्ह लगने प्रारम्भ हो गए हैं , पहले चुपके से लगते रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है।

जांच एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली स्थित वकील गौतम खेतान और संजीव त्यागी को भी गिरफ्तार किया है. इन सभी पर इटली की रक्षा कंपनी फिनमैकेनिका (अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी) से रिश्वत लेने का आरोप है. सीबीआई के मुताबिक कंपनी ने यह पैसा मॉरीशस के जरिए इन तक भेजा था. त्यागी ने जांच एजेंसी के इस आरोप को खारिज कर दिया था.इस साल मई में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में कहा था कि पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और गौतम खेतान तो छोटे नाम हैं, जिन्होंने बहती गंगा में हाथ धोये हैं. उन्होंने आगे कहा था कि सरकार यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि यह नदी बहकर कहां जा रही है।

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे को बोफोर्स घोटाले के बाद सबसे बड़ा रक्षा सौदा घोटाला माना जाता है. 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे की सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रही है. सरकार ने साल 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी के इस्तेमाल के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था. इसके बाद 2013 में भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद जनवरी, 2014 में इसे रद्द कर दिया गया था. अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा ‘विश्वसनीयता करार के उल्लंघन’ को रक्षा मंत्रालय ने सौदा रद्द करने का कारण बताया था।

बीते अप्रैल में इटली की एक अदालत ने भारतीय नेताओं, नौकरशाहों और वायुसेना अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में फिनमैकेनिका के सीईओ को साढ़े चार साल की सजा सुनाई थी.एस पी त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर की उड़ान की ऊंचाई सीमा 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दी जिसके बाद ऑगस्टावेस्टलैंड सौदे की दौड़ में शामिल हो गयी, उसके बिना वह बोलियां जमा करने के लिए पात्र नहीं थी। त्यागी ने अपने विरूद्ध लगे आरोपों से इनकार किया और कहा कि शर्तों में बदलाव, जिससे ऑगस्टावेस्टलैंड दौड़ में शामिल हो पाया, एक सामूहिक फैसला था जिसमें भारतीय वायुसेना, एसपीजी और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

इससे पहले सीबीआई ने मई माह में ऑगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी और दो अन्य से पूछताछ की थी जिस दौरान उनसे उन्हें मिली कथित विदेशी रकम के बारे में पूछा गया। सीबीआई सूत्रों ने दावा किया कि त्यागी की सेवानिवृति के दो साल पश्चात वर्ष 2009 में उन्हें कथित रूप से कुछ विदेशी रकम मिली जिसके बारे में उनसे खास तौर पर पूछताछ की गई।

उनसे इस रकम के स्रोत, रकम मिलने की वजह और सेवानिवृति के बाद उनकी इटली यात्राओं के बारे में भी पूछताछ की गयी। जांच एजेंसी ने उनके सामने खाते का विवरण पेश किया और उनसे उस पर सफाई मांगी गयी। रकम का खुलासा करने और यह कि मामला दर्ज करने के तीन साल बाद भी सीबीआई क्यों इन विवरणों को निकाल नहीं पायी, के बारे में बताने से इनकार करते हुए अधिकारियों ने कहा कि वे मिलान अपीलीय अदालत के आदेश के बाद नये परिप्रेक्ष्य में इन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं।

अपीलीय अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि इस सौदे के लिए रिश्वत कथित रूप से दी गयी।मिलान अपीलीय अदालत ने कई मौकों पर त्यागी के नाम लिए, यूरोपीय बिचौलियों और ऑगस्टावेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेक्केनिका के अधिकारियों के साथ उनकी बैठकों और संवाद का जिक्र किया है। त्यागी ने हेलीकॉप्टर सौदे में किसी भी भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है। जांच एजेंसी ने आज एयरोमैट्रिक्स इंफोसोल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण बख्शी और आईडीएस के प्रबंध निदेशक प्रताप अग्रवाल से भी पूछताछ की जो ऑगस्टावेस्टलैंड से रिश्वत की राशि संदिग्ध भारतीय लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद करने को लेकर एजेंसी की नजर में हैं।