सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के इंतजार में 794 मामले

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  • सूचना आयुक्त विहीन होने से 8 जून से बंद है सुनवाई का काम
  • -जून 18 के माह में सूचना आयोग पर खर्च हुये 28.75 लाख रूपये
देहरादून । उत्तराखंड सूचना आयोग में 794 मामले सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के इंतजार में लम्बित हैं और 8 जून 2018 से सूचना आयोग सूचना आयुक्त विहीन होने के कारण सुनवाई का कार्य ठप्प है। इसमें 677 द्वितीय अपील तथा 117 शिकायतें है। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उत्तराखंड सूचना आयोग के लोेेक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड सूचना आयोग के लोेक सूचना अधिकारी से सूचना आयुक्तों के पद भार संभालने व सेवानिवृत्ति, सूचना आयुक्तों के सेवानिवृत्त होने के कारण सुनवाई ठप्प होने की तिथि को लम्बित अपील शिकायतों व खर्च की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में उत्तराखंड सूचना आयोग के लोक सूचना अधिकारी/सहायक लेखाधिकारी मनमोहन नैथानी ने अपने पत्रांक 5917 दिनांक 13-07-18 से सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार 8 जून 2018 से अपील व शिकायतों की सुनवाई का काम सूचना आयुक्तों की सेवानिवृत्ति के कारण बन्द है। इस तिथि को 677 अपीलें तथा 117 शिकायतें सूचना आयोग में लम्बित थी। जून 2018 में सूचना आयोग पर कुल 28 लाख 75 हजार 74 की धनराशि खर्च हुई है उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा कम से कम सूचना आयुक्त के बिना सूचना आयोग के कार्य न करनेे के फैसले के 9 वर्षों बाद 8 जून 2018 को उत्तराखंड सूचना आयोग सूचना आयुक्त विहीन हो गया है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार 13 अक्टूबर 2005 को सूचना अधिकार लागू होने के 5 दिन बाद 18 अक्टूबर 2005 को उत्तराखंड सूचना आयोग के  प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त डा.आर.एस.टोलिया ने कार्यभार संभाला तथा चार वर्षों से अधिक दिसम्बर 2009 तक सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल के पदभार संभालने तक अकेले कार्य किया। हाई कोर्ट के निर्णय के बाद सूचना आयुक्त के पद पर विनोद नौटियाल की नियुक्ति हुई और अक्टूबर 2010 तक मुख्य सूचना आयुक्त के साथ एक सूचना आयुक्त ने कार्य किया।
अक्टूबर 2010 में दूसरे मुख्य सूचना आयुक्त नृपसिंह नपल्च्याल के साथ दो सूचना आयुक्तों प्रभात डबराल तथा अनिल कुमार शर्मा ने कार्यभार गृहण किया तथा मुख्य सूचना आयुक्त सहित कुल 4 सूचना आयुक्त हो गये। मई 2013 में राजेन्द्र कौटियाल की नियुक्ति के बाद इनकी संख्या 5 हो गयी। उत्तराखंड सूचना आयोग के इतिहास में जनवरी 2014 में सुरेन्द्र सिंह रावत के सूचना आयुक्त का कार्यभार ग्रहण करने पर सूचना आयुक्तों की सर्वाधिक संख्या 6 हो गयी जो दिसम्बर 2014 में विनोद नौटियाल के सेवानिवृत्त होने तक रही। इसके बाद सूचना आयुक्तों की संख्या में कमी आने का सिलसिला शुरू हुआ।
दिसम्बर 14 से अप्रैल 15 तक मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्तों की संख्या 5 रही। अप्रैल 15 में दूसरे मुख्य सूचना आयुक्त नृपसिंह नपल्च्याल के सेवानिवृत्त होने पर यह संख्या 4 रह गयी जो अक्टुबर 15 तक रही। अक्टुबर 15 में प्रभात डबराल तथा अनिल कुमार शर्मा की सेवानिवृत्ति के बाद नवम्बर 16 तक केवल दो सूचना आयुक्त ही सूचना आयोग में रहे। नवम्बर 2016 में तीसरे मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुध्न सिंह की नियुक्ति के उपरान्त मुख्य सूचना आयुक्त सहित सूचना आयुक्तों की संख्या 3 हो गयी जो मई 18 तक रही। 18 मई को राजेन्द्र कौटियाल की सेवानिवृत्ति से यह संख्या 2 तथा 7 जून 2018 को सुरेन्द्र सिंह रावत कीसेवानिवृत्ति के बाद 8 जून 2018 से सूचना आयोग आयुक्त विहीन हो गया और काम ठप्प हो गया।