देश रक्षा की शपथ लेकर सेना में शामिल हुए 174 जवान

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  • परेड ग्राउंड में सैनिक आश्रितों का उमड़ा सैलाब
  • सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राइफलमैन पंकज नेगी को गोल्ड पदक
  • अंकित मखलोगा रजत व रोबिन नेगी कांस्य पदक से हुए सम्मानित
  • राष्ट्रीय ग्रंथ गीता व राष्ट्रीय ध्वज को साक्षी मानकर ली सेना की शपथ

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

लैंसडौन (पौड़ी)। ‘कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की तू कौम पे लुटाए जा’ सेना गीत की स्वर लहरियों के बीच अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर देश रक्षा करने की शपथ के साथ 174 जवान भारतीय थल सेना में शामिल हो गए। इस मौके पर परेड के पुनर्निरीक्षण अधिकारी ब्रिगेडियर अनूप सिंह चौहान ने नवप्रशिक्षित जवानों से रेजीमेंट की शौर्य परंपरा का निर्वहन करते हुए जीआरआरसी की ख्याति को विश्व पटल रोशन करने का आह्वान किया है।

गढ़वाल रेजीमेंट के नायक भवानी दत्त जोशी परेड ग्राउंड में कोर-79 का कसम परेड समारोह का आयोजन किया गया। परेड में बतौर मुख्य अतिथि गढ़वाल रेजीमेंट के ब्रिगेडियर अनूप सिंह चौहान को परेड कमांडर राइफलमैन सुभाष सिंह के नेतृत्व में शानदार ड्रिल का प्रदर्शन कर सलामी दी गई। ड्रिल के शानदार प्रदर्शन ने रिक्रूटों के 34 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग के दौरान मिले उत्तम प्रशिक्षण की झलक दिखलाई। इस दौरान रिक्रूटों ने राष्ट्रीय ग्रंथ गीता को स्पर्श कर व राष्ट्रीय ध्वज को साक्षी मानकर सेना की शपथ ग्रहण की।

परेड को संबोधित करते हुए ब्रिगेडियर अनूप सिंह चौहान ने कहा की नवप्रशिक्षित जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का सर्वोत्तम निर्णय लिया है। इस मौके पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राइफलमैन पंकज नेगी को गोल्ड पदक से सम्मानित किया गया, जबकि अंकित मखलोगा को रजत व रोबिन नेगी को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। इस मौके पर ड्रिल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सुभाष सिंह, फायरिंग के लिए नरेश गुसाईं व शारीरिक के लिए शैलेंद्र सिंह को पदकों से सम्मानित किया गया। सभी पदक विजेताओं को परेड के पुनर्निरीक्षण अधिकारी गढ़वाल रेजीमेंट के ब्रिगेडियर अनूप सिंह चौहान ने सम्मानित किया।

परेड का हिस्सा बनने के लिए सैनिक आश्रितों का सैलाब समूचे गढ़वाल से उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में पहुंचे सैनिकों आश्रितों का सीना जहां अपने लाडले को देश का भावी सैनिक बनता देख फूले नहीं समां रहा था, वही कई आश्रित इस दौरान भावुक भी हो गए।

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