12 साल बाद लगा देवजानी में कर्ण देवता का मेला

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  • देवता से मांगा खुशहाली का आशीर्वाद

उत्तरकाशी : मोरी ब्लॉक के देवजानी गांव में 12 साल बाद जब कर्ण देवता की डोली पहुँची तो इलाके के ग्रामीणों ने हर्षोल्लास के साथ देवडाली का स्वागत ढोल-नगाड़ों के साथ किया। देवता के गांव पहुंचने पर भव्य मेले का आयोजन करते हुये रासौं व तांदी नृत्य के साथ स्थानीय गीतों का गायन किया।

परम्परानुसार मोरी के देवजानी गांव में जब 12 साल बाद कर्ण देवता की डोली पहुंची तो ग्रामीण अभिभूत नज़र आये । इस मौके पर ग्रामीणों ने गांव में भव्य मेले का आयोजन भी किया। कर्ण देवता अपने पश्वा पर अवतरित हुये और उन्होंने लोगों की समस्याओं के सवालों के जबाब देते हुये उनका निदान किया। देवता ने साथ ही गांव की खुशहाली का ग्रामीणों को वचन दिया।

मेले के बाद कर्ण देवता देव शक्ति के चलते पश्वा ने पतले तार पर चलते हुये मंदिर की छत पर पहुंचे। जिससे बाद पश्वा ने स्थानीय लोगों की समस्याओं से सम्बंधित सवालों के जबाब देते हुये समाधान बताये और गांव की खुशहाली के लिए आश्वस्त किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मेले का समापन हुआ। कर्ण देवता का मंदिर नैटवाड़ में है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों पूर्व चलदा महासू देवता की छाया से गांव के ग्रामीण परेशान थे। उन्होंने इसके निदान के लिए कर्ण देवता से मदद मांगी। कर्ण देवता ने मदद कर गांव को समस्या से निजात दिलाई। जिसके बाद हर बारह साल बाद गांव वाले कर्ण देवता को गांव में लाते हैं।