राज्य में घटती वन सम्पदा चिंता का कारण : मुख्यमंत्री

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  • पानी के घटते स्रोतों तथा नदियों के कम होते जल स्तर पर चिंता
यमकेश्वर (पौड़ी)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने लोगों को जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने एवं आस-पास अधिक से अधिक पौधारोपण करने का अपील की। मुख्यमंत्री ने राज्य में घटती वन सम्पदा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वन सम्पदा कम होने से जल स्रोतों पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ रहा है, जिससे जन जीवन भी निरंतर प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने पानी के घटते स्रोतों तथा नदियों के कम होते जल स्तर पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जल स्रोत यदि इसी प्रकार कम होते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब घरों में केवल पाइप लाईन ही रह जायेंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को यमकेश्वर ब्लाॅक के ग्राम तल्ला बनास के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्ला बनास के जीर्णोद्वार कार्यक्रम को सम्बोधित  करते हुये यह बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर व कक्षा कक्षों का निरीक्षण भी किया।
श्रीमद्भागवत महापुराण एवं भंडारा समिति तल्ला बनास की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वृक्षारोपण के क्षेत्र में रिकॉर्ड स्तर पर कार्य करने की कार्ययोजना तैयार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह में वृहद स्तर पर प्रदेश सरकार की ओर से पौधारोपण किये जायेंगे। इसके अलावा लोगों को भी स्वैच्छिक रूप से पौधारोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने पौधारोपण के क्षेत्र में मैती आंदोलन के प्रयास को सराहनीय बताया। इसी तर्ज पर उन्होंने लोगों से पौधारोपण करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ों में निरंतर कम हो रहे पानी की कमी को पूरा करने तथा अन्य स्वरोजगार के कार्यक्रमों के लिए मनरेगा योजना को अहम बताया। उन्होंने कहा कि मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्रों की तमाम समस्याओं का निस्तारण सम्भव है। उन्होंने पहाड़ों में होम स्टे योजना, पिरूल से बायोफ्यूल, गुलाब का इत्र, गुलाब की खेती, भांग उत्पादन आदि से स्वरोजगार को बढ़ावा देने की बात कही।  उन्होंने किनोवा की खेती पर जोर देते हुए कहा कि इसे कम पानी व कम समय में उत्पादित कर अच्छी आर्थिकी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने स्वैच्छिक चकबंदी करने एवं लैमनग्रास, चैकडेम आदि को बढ़ाने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं का निस्तारण एकजुटता के साथ किया जा सकता है। सभी लोगों को सामूहिक रूप से प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टेली मेडिसिन सेवा बैलून टैक्नोलाॅजी के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवायें दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने चमोली के घेस ग्राम का उदाहरण देते हुए कहा कि ग्रामीणों के सार्थक प्रयास से मटर की उत्कृष्ट खेती को आज डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों में शामिल किया गया है।
कार्यक्रम में बनास तल्ला व मल्ला समेत विभिन्न गांव के लोगों ने क्षेत्र में पानी की समस्या तथा राजाजी नेशनल पार्क से गुजरने वाले मोटर मार्ग आदि की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बनास में पेयजल योजना तैयार करने का आश्वासन दिया।